बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से एक बड़ा कानूनी झटका लगा है। मामला भोपाल स्थित पुश्तैनी संपत्ति से जुड़ा है, जिस पर लंबे समय से विवाद चल रहा है। जबलपुर हाई कोर्ट ने इस मामले में 25 साल पहले दिए गए ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है और इसे फिर से सुनवाई के लिए भेज दिया है।
क्या है पूरा मामला?
यह संपत्ति भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान की है, जिसकी मालकिन बाद में उनकी बेटी साजिदा सुल्तान बनीं। साजिदा सुल्तान ही सैफ अली खान की परदादी थीं। ट्रायल कोर्ट ने 25 साल पहले उन्हें पूरी संपत्ति का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। लेकिन इस फैसले को अब नवाब के अन्य वारिसों ने मुस्लिम पर्सनल लॉ के आधार पर चुनौती दी है।
हाई कोर्ट का सख्त रुख
जबलपुर हाई कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया और ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि:
- एक साल के भीतर फिर से सुनवाई की जाए
- सभी पक्षों की दलीलें सुनी जाएं
- न्यायसंगत बंटवारे का नया निर्णय दिया जाए
कितनी बड़ी है यह संपत्ति?
कानूनी जानकारों के अनुसार, यह संपत्ति अरबों रुपये की है। हाई कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील हर्षित बारी ने कहा कि नया फैसला तय करेगा कि किस वारिस को कितनी संपत्ति मिलनी चाहिए।
संपत्ति विवाद का असर सैफ पर
इस फैसले से सैफ अली खान की संपत्ति पर दावेदारी कमजोर हो सकती है। अगर नया फैसला सभी वारिसों के हक में जाता है, तो सैफ को पुश्तैनी संपत्ति में हिस्सा बांटना पड़ सकता है।
मामला फिर से शुरू
यह मामला एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है और अब पूरे देश की निगाहें इस पर टिकी हैं। क्या सैफ अली खान को अपनी विरासत बांटनी पड़ेगी या फिर वे फिर से कानूनी लड़ाई जीत जाएंगे, इसका फैसला अब अगले एक साल में सामने आएगा।