BY: Yoganand Shrivastva
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुज़फ़्फरनगर (उत्तर प्रदेश) के कांवड़ मार्ग पर की गई एक विवादित कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि किसी होटल मालिक से जब आधार कार्ड नहीं दिखा, तो कहा गया, “पैंट उतार दो!” — यह कोई लोकतंत्र, कोई विधि व्यवस्था, या कोई सम्मानजनक प्रशासनिक कार्य नहीं हो सकता। ओवैसी ने इसे “मानव-सम्मान की शर्मनाक शर्म” मानते हुए दोषियों को गिरफ्तार करने और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
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घटना का पूरा विवरण
- स्थान: मुज़फ़्फरनगर बाइपास के पास तीन गांव। 10 वर्षों से कांवड़ यात्रा शांति से चलती आ रही थी।
- घटनाक्रम: एक ढाबा मालिक से आधार कार्ड की मांग की गई। जब वह नहीं दिखा सका, तो अपमानजनक धमकी दी गई — “पैंट निकालो।”
- प्रतिक्रिया: स्थानीय मीडिया में यह खबर फैलते ही फैला आक्रोश। पुलिस ने जांच के नाम पर नोटिस भेजा, लेकिन ओवैसी का मानना है कि नोटिस से काम नहीं चलेगा – दोषियों को तत्काल गिरफ़्तार किया जाना चाहिए।
ओवैसी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से मुख्य बातें
- “गंदगी और अमानवीयता” – 10 साल पहले सब शांत था, अब यह क्यों?
- कानून का अमल – नोटिस नहीं, गिरफ्तारी चाहिए।
- प्राधिकरण का प्रश्न – पूछा कि क्या ये लोग पुलिस हैं या ग़ैरसत्ता किसने उन्हें अधिकार दिया?
- सख्त कार्रवाई की मांग – “Rule of Law” का पालन करें।
साजिश या प्रशासनिक अज्ञानता?
ओवैसी ने इस घटना का इस्तेमाल सरकार और प्रशासन पर सत्ता दुरुपयोग, मानव अधिकारों की अवहेलना, और आदर्श न्याय व्यवस्था की विफलता पर सवाल उठाने के लिए किया है।
ओवैसी ने बिहार वोटर लिस्ट विवाद पर भी कही बात
एक ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बिहार में वोटर लिस्ट रिविज़न की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए:
- निर्दलीय बैठक की माँग – “चुनाव आयोग, ऐसी बैठक क्यों नहीं बुला रहा?”
- ID विषमता – “पिता-माता का नाम, पता बदलना: क्या सिर्फ़ दो श्रेणियों वाले वोटर स्वीकारे जायेंगे?”
- माइग्रेंट वोटर्स पर ध्यान – “बिहार से पलायन करने वाले युवा काम से भटक जायेंगे?”