रायपुर से सुधीर वर्मा की रिपोर्ट
रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया नेतृत्व
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज आपातकाल स्मृति दिवस पर एक भावनात्मक और प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के दौर में देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष किया था।
मुख्य मंच पर प्रदेश नेतृत्व की मौजूदगी
इस खास मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम का नेतृत्व किया। उनके साथ कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, कैबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन, संगठन महामंत्री पवन साय, और विधायक मोतीलाल साहू भी उपस्थित रहे। सभी ने लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करते हुए उनके साहस और समर्पण की सराहना की।
सीएम विष्णु देव साय ने कहा – “इन सेनानियों की बदौलत बचा लोकतंत्र”
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा:
“आपातकाल देश के लोकतांत्रिक इतिहास का एक काला अध्याय था। लेकिन उस समय जिन लोगों ने अत्याचार और सेंसरशिप के खिलाफ आवाज़ उठाई, वे असली लोकतंत्र के रक्षक हैं। आज हम उन्हीं के बलिदान की वजह से एक स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं।”
स्वदेश न्यूज़ से लोकतंत्र सेनानियों की खास बातचीत
कार्यक्रम के दौरान स्वदेश न्यूज़ के संवाददाता सुधीर वर्मा ने लोकतंत्र सेनानियों से विशेष बातचीत की। इन वीरों ने साझा किया कि आपातकाल के दौरान कैसे जेलों में यातनाएं झेलीं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीनी गई, और कैसे अपने परिवार और समाज की परवाह किए बिना सड़कों पर उतरकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवाज़ बुलंद की।
एक सेनानी ने भावुक होते हुए बताया:
“हमें अंधेरे को चीरकर उम्मीद का दीप जलाना था। जेल में रहकर भी हमने हार नहीं मानी। देश के लिए लड़ना हमारा धर्म था।”
आगामी पीढ़ियों को दिया गया संदेश
कार्यक्रम में वक्ताओं और लोकतंत्र सेनानियों ने एक स्वर में कहा कि नई पीढ़ी को लोकतंत्र की कीमत समझनी होगी और संविधान की रक्षा के लिए हमेशा सजग रहना होगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ सम्मान करना नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह याद दिलाना था कि लोकतंत्र हमें विरासत में नहीं मिला, इसे संघर्षों से हासिल किया गया है।
समापन में राष्ट्रगान और जयघोष
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और “भारत माता की जय” के नारों के साथ हुआ। पूरे माहौल में देशभक्ति, गर्व और कृतज्ञता की भावना स्पष्ट रूप से महसूस की गई।