बोतलबंद पानी में नकली ब्रांड का मामला एक बार फिर से चर्चा में है। ग्रेटर नोएडा के कासना इंडस्ट्रियल एरिया में दो अवैध फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ हुआ है, जहाँ बिसलेरी (Bisleri) की जगह नाम में ‘S’ और ‘L’ की जगह बदलकर “Bilseri” और “Bleseri” के नाम से नकली पानी भरा जा रहा था। यह मामला उपभोक्ताओं के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि ब्रांडेड उत्पाद खरीदते वक्त सतर्क रहना कितना जरूरी है।
नकली Bisleri पानी की फैक्ट्रियों पर बड़ा छापा
खाद्य सुरक्षा विभाग ने ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र में दो फैक्ट्रियों पर छापा मारकर लगभग 13,000 नकली बोतलें जब्त की हैं। ये फैक्ट्रियां बिना किसी लाइसेंस और जरूरी स्वच्छता मानकों के चल रही थीं।
- पहला प्लांट: गुप्ता इंटरप्राइजेज (K-300, साइट-5) — यहाँ “Bilseri” नाम से पानी भरा जा रहा था।
- दूसरा प्लांट: पैरामेट्रो वॉसर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (A-2/88, साइट-5) — यहाँ “Bleseri” ब्रांड के नाम से पानी पैक किया जा रहा था।
दोनों नाम सुनने और देखने में असली Bisleri जैसे लगते हैं, जो उपभोक्ताओं को भ्रमित करने के लिए किए गए हैं।
नकली ब्रांड्स के नाम में क्या था खेल?
नकली ब्रांड्स में केवल ‘S’ और ‘L’ के स्थान बदल दिए गए थे ताकि वे असली ब्रांड के जैसे दिखें। इस कारण ग्राहक बिना ध्यान दिए, केवल बोतल की रंगत और डिज़ाइन देखकर उन्हें असली समझ लेते हैं।
- Bisleri (असली)
- Bilseri (नकली)
- Bleseri (नकली)
अधिकारी बताते हैं कि उपभोक्ता अक्सर बोतल पर नाम ध्यान से नहीं पढ़ते, जिससे ये धोखाधड़ी सफल होती है।
खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच और कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा विभाग को कुछ दिनों से शिकायतें मिल रही थीं कि ग्रेटर नोएडा में अवैध प्लांट्स चल रहे हैं जो नकली बोतलबंद पानी बेच रहे हैं। विभाग ने दोनों प्लांट्स से 13,000 से अधिक बोतलें जब्त कर उन्हें जांच के लिए लैब भेजा है।
- जांच में पाया गया कि दोनों प्लांट्स के पास कोई वैध लाइसेंस, BIS प्रमाणपत्र या स्वच्छता दस्तावेज़ नहीं थे।
- पानी की गुणवत्ता जांचने या फिल्टरिंग की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी।
सहायक आयुक्त (खाद्य) सर्वेश कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नकली पानी की सप्लाई कहाँ होती थी?
ये नकली पानी दिल्ली-एनसीआर के छोटे दुकानों, भीड़भाड़ वाले इलाकों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और चाय-नाश्ते की दुकानों में सप्लाई किया जा रहा था। ऐसे स्थानों पर उपभोक्ता बोतल के डिजाइन को देखकर खरीद लेते हैं, जिससे इन अवैध फैक्ट्रियों को फायदा होता है।
नकली बोतलबंद पानी पीने का खतरा
नकली पानी में शुद्धता का कोई भरोसा नहीं होता। इसे पीने से कई स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं जैसे:
- पेट में इंफेक्शन
- उल्टी और दस्त
- किडनी और लिवर संबंधी गंभीर रोग
इसलिए केवल ब्रांडेड और प्रमाणित पानी का ही सेवन करें।
नकली पानी से कैसे बचें? सावधानी के आसान उपाय
आप भी इस तरह के धोखाधड़ी से बच सकते हैं। बस थोड़ी सतर्कता बरतें:
- बोतल पर नाम ध्यान से पढ़ें।
- केवल बोतल के रंग या डिज़ाइन पर भरोसा न करें।
- BIS मार्क और QR कोड की जांच करें।
- संदिग्ध बोतल मिलने पर तुरंत खाद्य सुरक्षा विभाग या हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें।
निष्कर्ष: सावधानी ही सुरक्षा है
ग्रेटर नोएडा में फैली यह नकली बोतलबंद पानी की धोखाधड़ी हम सभी के लिए एक चेतावनी है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह बेहद गंभीर मामला है। इसलिए हमेशा ब्रांडेड, प्रमाणित और भरोसेमंद पानी खरीदें और अपनी और अपने परिवार की सेहत का ध्यान रखें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. नकली बोतलबंद पानी कैसे पहचानें?
A1. बोतल पर नाम ठीक से पढ़ें, BIS मार्क देखें और QR कोड स्कैन करें।
Q2. नकली बोतल मिलने पर क्या करें?
A2. तुरंत खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचित करें या हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं।
Q3. नकली पानी पीने से क्या नुकसान हो सकते हैं?
A3. इससे पेट की बीमारियां, संक्रमण, उल्टी-दस्त और किडनी-लिवर की समस्याएं हो सकती हैं।