बोरे-बासी सिर्फ परंपरा नहीं, सम्मान का प्रतीक है- अमरजीत भगत
स्थान: अंबिकापुर, छत्तीसगढ़
संवाददाता: दिनेश गुप्ता
मजदूर दिवस के अवसर पर जब पूरा देश श्रमिकों के सम्मान में उन्हें याद कर रहा है, ऐसे में छत्तीसगढ़ के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने स्वदेश न्यूज़ से खास बातचीत की। उन्होंने इस मौके पर मजदूरों की भूमिका, बोरे-बासी की परंपरा और बदलते राजनीतिक नजरिए पर अपने विचार साझा किए।
अमरजीत भगत ने कहा, “पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय 1 मई को मजदूर दिवस पर ‘बोरे-बासी’ कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि यह मजदूरों के साथ एकता और सम्मान का प्रतीक था। मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, अधिकारी और कर्मचारी – सब एक ही पंक्ति में बैठकर मजदूरों के साथ भोजन करते थे। यह समाज में बराबरी और श्रम के सम्मान की भावना को दर्शाता था।”
उन्होंने बोरे-बासी के महत्व पर बात करते हुए कहा, “बोरे-बासी केवल एक परंपरागत भोजन नहीं है, बल्कि यह गर्मी में शरीर को ठंडक देने वाला पोषक आहार है। हम इसे ‘मजदूरों का भोज’ कह सकते हैं, लेकिन आज यह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है।”
इस अवसर पर उन्होंने वर्तमान सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब ऐसे आयोजनों में वह भावना नहीं दिखती जो पहले हुआ करती थी। उन्होंने आग्रह किया कि मजदूर दिवस को केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि एक संवेदनशील सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में मनाया जाए।
पूर्व मंत्री भगत की यह बातचीत न केवल बोरे-बासी के महत्व को उजागर करती है, बल्कि मजदूरों के सम्मान की राजनीति को भी एक नई दिशा देने का प्रयास करती है।
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