हेमंत कटारे ने भूपेंद्र सिंह को आधा पागल कहा था
BY: Vijay Nandan
मध्यप्रदेश विधानसभा में इन दिनों उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। दोनों नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं, और यह विवाद राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन चुका है। इस विवाद में एक ओर जहां हेमंत कटारे ने भूपेंद्र सिंह को मानसिक रूप से परेशान और ‘पागल’ करार दिया, वहीं भूपेंद्र सिंह ने कटारे को ‘फर्जी उप नेता प्रतिपक्ष’ तक कह डाला। यह विवाद राजनीतिक जोड़-तोड़ और सत्ता संघर्ष का प्रतीक बन चुका है, जो मध्यप्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला रहा है।
हेमंत कटारे ने भूपेंद्र सिंह पर बोला बड़ा हमला
हेमंत कटारे ने भूपेंद्र सिंह को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह को जब कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया, तो वह मानसिक रूप से असंतुलित हो गए और “आधे पागल” हो गए। कटारे ने यह भी आरोप लगाया कि भूपेंद्र सिंह ने बिना सबूत के उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं। इसके अलावा, हेमंत कटारे ने कहा कि भूपेंद्र सिंह “डिप्रेशन” का शिकार हैं और दिल्ली-मुंबई में अच्छे डॉक्टर हैं, जो उनका निशुल्क इलाज कर सकते हैं।
कटारे ने यह भी कहा कि उन्होंने सौरभ शर्मा के मामले में नोट शीट सबको दिखाई थी, और भूपेंद्र सिंह को इसे लेकर मानसिक परेशानी हुई थी। इस संदर्भ में कटारे ने भूपेंद्र सिंह का इलाज कराने की पेशकश भी की थी। इन आरोपों के माध्यम से हेमंत कटारे ने भूपेंद्र सिंह की मानसिक स्थिति और उनके राजनीतिक आचरण पर सवाल उठाए।

भूपेंद्र सिंह का पलटवार
भूपेंद्र सिंह ने कटारे के आरोपों का जवाब देते हुए उन्हें “फर्जी उप नेता प्रतिपक्ष” करार दिया। उन्होंने विधानसभा की नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि उप नेता प्रतिपक्ष जैसा कोई पद नहीं होता। सिंह ने यह भी कहा कि कटारे प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए गलत तरीके से काम कर रहे हैं और विधानसभा की नियमावली का उल्लंघन कर रहे हैं।
सिंह ने यह स्पष्ट किया कि कटारे के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है और वे केवल राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। उनके अनुसार, यह पूरा विवाद केवल सत्ता में बने रहने के लिए और राजनीतिक दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है।
विवाद के पीछे की राजनीति ?
यह विवाद केवल व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक गहरी राजनीति भी छिपी हुई है। हेमंत कटारे, जो कांग्रेस के उप नेता प्रतिपक्ष हैं, ने भूपेंद्र सिंह पर हमला करते हुए उनके मानसिक स्वास्थ्य को मुद्दा बनाया, ताकि भाजपा को कमजोर किया जा सके। वहीं, भूपेंद्र सिंह ने कटारे को फर्जी और नियमों का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति करार देकर उनकी राजनीतिक ताकत को चुनौती दी।
यह विवाद सत्ता संघर्ष का प्रतीक है, जहां दोनों नेता अपनी-अपनी पार्टी के प्रभाव को बढ़ाने और विरोधियों को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। भूपेंद्र सिंह, जो भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं, कटारे पर आरोप लगाकर अपनी पार्टी की छवि को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कटारे भाजपा के खिलाफ अपने तर्कों को मजबूत करने के लिए इस विवाद का इस्तेमाल कर रहे हैं।
क्या है विवाद का उद्देश्य?
विवाद का मुख्य उद्देश्य अपनी-अपनी पार्टी के प्रभाव को बढ़ाना और विरोधी पार्टी को कमजोर करना है। राजनीतिक नेता अक्सर इस तरह के विवादों को अपने लाभ के लिए उपयोग करते हैं, खासकर विधानसभा सत्र के दौरान जब राजनीतिक माहौल गर्म होता है। इस विवाद से दोनों नेताओं ने अपने-अपने समर्थकों को संदेश देने की कोशिश की है कि वे अपनी पार्टी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और विपक्षी नेताओं को चुनौती दे रहे हैं।
हेमंत कटारे और भूपेंद्र सिंह के बीच यह जुबानी जंग मध्यप्रदेश की राजनीति के अंदर एक नया मोड़ ला सकती है। यह विवाद न केवल दोनों नेताओं के व्यक्तिगत रिश्तों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि इससे राज्य की राजनीति पर भी असर पड़ेगा। यह देखा जाना अभी बाकी है कि यह विवाद कब समाप्त होगा और इसके परिणाम क्या होंगे, लेकिन फिलहाल यह दोनों नेताओं के बीच तीव्र संघर्ष और आरोपों का दौर जारी है।
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