भारत अपनी गर्मजोशी भरी मेहमाननवाजी के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। हाल ही में एक रूसी पर्यटक ने भारत में अपने अनुभव को साझा करते हुए देश के आतिथ्य की तारीफ की। उसने लोगों से भारत आने की अपील भी की।
रूसी पर्यटक का भारत में अनुभव
यह पर्यटक भारत में एक मंदिर की यात्रा पर था, जहां एक भारतीय परिवार ने उसे दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया। उसने बताया कि परिवार ने पहले उसकी राष्ट्रीयता पूछी और फिर उसे भोजन के लिए स्वागत किया। एक व्यक्ति ने उसे थाली परोसी, जिसमें दाल, रोटी और सब्जी जैसे कई भारतीय व्यंजन थे। भोजन चखते ही रूसी पर्यटक मुस्कुराया और बोला, “बहुत स्वादिष्ट।” इसके बाद उसे पापड़ भी दिया गया।

पापड़ को हाथ में लेते हुए उसने पूछा, “यह क्या है?” जब भारतीयों ने बताया कि इसे पापड़ कहते हैं, तो उसने एक टुकड़ा खाया और इसे चिप्स जैसा बताया। अपने मेजबान का धन्यवाद करते हुए उसने कहा, “मैं मदर इंडिया के कारण बहुत खुश हूँ। यहाँ हर किसी ने मेरा साथ दिया, सबने मेरे साथ अच्छा व्यवहार किया।” उसने अपनी थाली दिखाते हुए एक बार फिर आभार जताया और भोजन को ‘बेहद स्वादिष्ट’ बताया।
हिंदू संस्कृति से प्रभावित
रूसी पर्यटक ने हिंदू संस्कृति की भी तारीफ की। उसने कहा कि भारत में हर परिवार के घर में अपना मंदिर होता है। “लोगों, भारत आइए। यहाँ आपको सच्ची आध्यात्मिकता देखने को मिलेगी,” उसने कहा। उसने स्थानीय लोगों से बातचीत की और मंदिरों के बारे में चर्चा की।
वायरल वीडियो देखें:
रूसी पर्यटक भारतीय आतिथ्य से अभिभूत – “भारत आइए”
साधारण इशारे जीवन भर की दोस्ती बनाते हैं। 🇷🇺❤️🇮🇳
(वीडियो लिंक: Megh Updates, 2 मार्च 2025)
इंटरनेट की प्रतिक्रिया
यह वीडियो X (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल हो गया, जिससे भारतीयों को गर्व महसूस हुआ। एक यूजर ने लिखा, “रूसी लोग भारत से प्यार करते हैं। कुछ पश्चिमी लोग ही भारत से नफरत करते हैं क्योंकि हम उनकी ऊँची तनख्वाह वाली नौकरियाँ ले लेते हैं।” एक अन्य ने कहा, “रूसी बहुत अच्छे मेहमान होते हैं। कई रूसी पर्यटकों ने महाकुंभ का दौरा भी किया। रूस में भी लाखों लोग हिंदू धर्म अपना चुके हैं और भगवद गीता को नियमित पढ़ते हैं। कई रूसी भारत में बस गए हैं और इस्कॉन व अन्य कृष्ण मंदिरों के साथ काम कर रहे हैं।”
किसी ने यह भी टिप्पणी की, “भारतीय आतिथ्य ने एक बार फिर दिल जीत लिया! एक छोटा सा इशारा, जीवन भर की दोस्ती—यही भारत का जादू है।”
निष्कर्ष
यह घटना भारत की उस संस्कृति को दर्शाती है जो मेहमानों को अपनेपन का एहसास कराती है। इस रूसी पर्यटक का अनुभव न केवल भारतीयों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह भी दिखाता है कि साधारण आतिथ्य कैसे सीमाओं को पार कर लोगों को जोड़ सकता है।
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