Mohit Jain
मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर की शुरुआत से ठंडक का असर दिखाई दे रहा है। दिन में सर्द हवाएं और रात व सुबह में कड़ाके की ठंड बनी हुई है। बुधवार की रात भोपाल, इंदौर समेत एमपी के 9 शहरों में पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। राजगढ़ सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
स्कूलों के समय में बदलाव और शीतलहर की चेतावनी

देवास जिले में लगातार गिरते तापमान को देखते हुए कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक सभी स्कूलों का समय सुबह 10 बजे से पहले न खोलने का आदेश जारी किया।
मौसम विशेषज्ञ पीके शाह के अनुसार, हिमालय क्षेत्र में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) सक्रिय होने के कारण उत्तरी हवा एमपी तक पहुँच रही है, जिससे ठंड का असर तेज हुआ है।
प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में भी बढ़ी ठंड
पश्चिमी जिलों जैसे भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम में सर्दी का असर पहले दिखाई दे रहा था, अब पूर्वी जिलों जैसे जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
रिकॉर्डतोड़ ठंड और पचमढ़ी का हाल

भोपाल में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस पहुँच गया है, जो 2015 के बाद सबसे कम है। इंदौर में पारा 7 डिग्री तक गिर गया, जो पिछले 25 साल में सबसे कम नवंबर का तापमान है। पचमढ़ी में रात का तापमान 13.8 डिग्री और दिन का तापमान 23.6 डिग्री दर्ज किया गया।
नवंबर का मौसम और बारिश का ट्रेंड
मौसम विभाग ने बताया कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में ठंड और सर्द हवाओं का असर बढ़ा है। ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में उत्तरी हवाओं के कारण पारा और गिर सकता है। पिछली बार, ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री और उज्जैन में 52 साल पहले 2.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। इस महीने भोपाल, इंदौर और जबलपुर में बारिश की संभावना भी बनी हुई है।





