Report: Jitendra
खेतिया (बड़वानी)। बड़वानी जिले के खेतिया और आसपास के इलाकों में लगातार हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों और व्यापारियों दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खेतों में कपास, मक्का और सोयाबीन की खड़ी फसलें बर्बाद हो रही हैं, वहीं खलिहानों में रखी उपज भी भीगकर खराब हो रही है। किसानों का कहना है कि बारिश से उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है, जबकि व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने किसानों से जो मक्का खरीदी थी, वह अब अंकुरित होने लगी है, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
खेतों में पानी भरा, कटाई पर रोक
लगातार बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया है और मिट्टी में नमी बढ़ गई है। इससे फसलों की कटाई का काम पूरी तरह रुक गया है। जो फसलें पहले ही काटकर खलिहानों में रखी गई थीं, वे भी भीग गई हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता और बाजार मूल्य पर असर पड़ रहा है। किसान अब अपनी मेहनत और पूंजी दोनों के डूबने की चिंता में हैं।
किसानों की पीड़ा: लागत भी नहीं निकल पा रही
खेतिया के युवा किसान राकेश चौधरी ने बताया कि उन्होंने करीब 6 एकड़ में मक्का और 3 एकड़ में कपास की फसल लगाई थी। लगातार बारिश से मक्का में नमी बढ़ने के कारण फसल खराब हो गई है। राकेश ने कहा—
“मक्का अब इतनी गीली हो चुकी है कि थ्रेशर से निकालना भी संभव नहीं है। इस स्थिति में हमारी लागत भी नहीं निकल पाएगी।”
व्यापारियों को भी नुकसान
मक्का खरीदकर रखने वाले कई व्यापारियों के गोदामों में मक्के के ढेर अंकुरित हो गए हैं, जिससे उन्हें लाखों का घाटा हुआ है। व्यापारियों का कहना है कि यह प्राकृतिक आपदा है और सरकार को मुआवजे या राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
सरकार से राहत की गुहार
किसान और व्यापारी दोनों ही वर्गों ने सरकार से तत्काल सर्वे कराकर नुकसान का आकलन करने और उचित मुआवजा देने की मांग की है। किसानों का कहना है कि अगर जल्द मदद नहीं मिली, तो अगली फसल की तैयारी पर भी असर पड़ेगा।





