महोत्सव हमारी जड़ों को पुनर्जीवित करने वाला मंच: CM सैनी
रिपोर्ट- अंकुर कपूर
कुरुक्षेत्र: हरियाणा की समृद्ध लोक-संस्कृति और कला परंपरा को सहेजने वाले राज्य स्तरीय ‘रत्नावली महोत्सव’ का मंगलवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (KU), कुरुक्षेत्र में भव्य शुभारंभ हो गया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और दीप प्रज्वलित कर इस महाकुंभ का विधिवत उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा- रत्नावली जड़ों को पुनर्जीवित करने वाला मंच, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने संबोधन में रत्नावली महोत्सव को हरियाणा की गौरवशाली विरासत और ‘हमारी माटी की महक’ प्रस्तुत करने वाला उत्सव बताया। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि “हमारी जड़ों और पहचान को पुनर्जीवित करने का एक प्रेरक मंच है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह युवाओं को न केवल अपने व्यक्तित्व को निखारने का अवसर देता है, बल्कि उन्हें अपनी सांस्कृतिक पहचान पर गर्व करने की भावना से भी ओतप्रोत करता है। उन्होंने जोर दिया कि शिक्षा हमें ज्ञान देती है, लेकिन संस्कृति हमें संस्कार और पहचान देती है।

पद्मश्री सहित कई कलाकारों का सम्मान
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कई कलाकारों को सम्मानित किया। पद्मश्री संतराम देशवाल को सम्मानित किया गया। कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले अनूप लाठर को भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने हरियाणवी बोली में प्रकाशित ‘रत्नावली टाईम्स पत्रिका’ का भी विमोचन किया।
38 वर्षों से हो रहा आयोजन, 3500 कलाकार ले रहे भाग मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 38 वर्षों से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है और इसे हरियाणवी संस्कृति का महाकुंभ कहा जाता है। इस वर्ष महोत्सव में अहीर, बांगर, बागर, खादर, कोरवी मेवाती जैसी विभिन्न बोलियों की 34 विधाओं में लगभग 3500 युवा कलाकार भाग ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘हरियाणा रत्न अवार्ड’ विभिन्न कला क्षेत्रों में आजीवन योगदान करने वाले कलाकारों को दिया जाता है, जिसमें हरियाणवी थिएटर और नृत्य के लिए विशेष पुरस्कार शामिल हैं।
युवाओं को संस्कृति से जोड़ने के नए प्रयास
CM सैनी ने बताया कि महोत्सव में युवाओं को संस्कृति से जोड़ने के लिए हर साल नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं: लुप्त हो रही विधाएं: इस वर्ष लूर नृत्य जैसी लुप्त हो रही नृत्य विधा की प्रस्तुति भी की जा रही है।
आकर्षण के केंद्र: हरियाणवी फैशन शो, हरियाणा की संगीत यात्रा, हरियाणा फूड फेयर, हरियाणा आर्ट फेयर और ‘सुन गीता का ज्ञान’ जैसी प्रतियोगिताएं इस उत्सव के प्रमुख आकर्षण हैं। मुख्यमंत्री ने युवाओं का आह्वान किया कि वे शिक्षा के साथ-साथ अपनी संस्कृति व विरासत से भी जुड़े रहें। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य हरियाणा को केवल कृषि और औद्योगिक विकास के लिए ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के केंद्र के रूप में भी स्थापित करना है।





