Reporter: Prem Narayan, Edit By: Moht Jain
सीहोर। जिले में सोमवार को ड्रग्स इंस्पेक्टर किरण मगरे ने शहर के 10–12 मेडिकल स्टोर्स की जांच की, जिसमें 10 में से 7 स्टोरों में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। कई स्टोरों पर फार्मासिस्ट मौजूद नहीं थे, जबकि कुछ पर दवाओं के बिल उपलब्ध नहीं थे। यह मामला मरीजों की सुरक्षा और दवाओं की वैधता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

फार्मासिस्ट की गैरमौजूदगी और लापरवाही
जांच के दौरान कई स्टोरों में मरीजों को दवा देने का काम स्टोर संचालक या उनके सहायक कर रहे थे। एक स्टोर में तो दवाओं के नाम तक सही से पढ़े नहीं जा सकते थे, जिससे गलत दवा देने का खतरा उत्पन्न हो सकता था। ड्रग्स इंस्पेक्टर ने कहा कि जिले में 1500 से अधिक मेडिकल स्टोर्स हैं, और इस तरह की लापरवाही रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
वीडियो और शिकायतों में सामने आई गंभीर बातें

कुछ वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें मेडिकल स्टोर्स बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाएं दे रहे हैं। एक चौंकाने वाली घटना में 2–1/2 महीने के शिशु की दवा की किट भी गलत तरीके से बेची जा रही थी, जो आपराधिक श्रेणी में आती है। इससे प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों की सतर्कता और तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत बढ़ गई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जांच के दौरान कई स्टोर संचालकों को नोटिस जारी किए गए हैं और आगे की कार्रवाई जारी है। पिछले कुछ समय में मेडिकल एसोसिएशन ने कुछ पत्रकारों के खिलाफ शिकायतें भी दर्ज कराई थीं, लेकिन जब स्टोरों की कार्रवाई की गई, तो मामले की गंभीरता सामने आई।
इस जांच से स्पष्ट हुआ है कि शहर के मेडिकल स्टोर्स में मरीजों की सुरक्षा और दवाओं के सही वितरण के लिए प्रशासन को सक्रिय रूप से निगरानी और कार्रवाई करनी होगी।





