Reporter: Sunil Kumar Thakur, Edit By: Mohit Jain
रामानुजगंज, बलरामपुर/छत्तीसगढ़:
रामानुजगंज शहर और आसपास के इलाकों में बिना डिग्री और लाइसेंस के अवैध रूप से चल रहे क्लीनिकों और मेडिकल स्टोर्स पर प्रशासन ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई की। कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने एक साथ छापेमारी की, जो लंबे समय से मिल रही शिकायतों के बाद की गई।
इस कार्रवाई के दौरान कई जगह झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज करते हुए पाए गए। प्रशासन की टीम ने मौके पर जाकर क्लीनिकों के दस्तावेज, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, मेडिकल वेस्ट के निपटान के रिकॉर्ड और अन्य महत्वपूर्ण चीजों की जांच की। जांच में पाया गया कि कुछ क्लीनिक बिना नर्सिंग एक्ट के तहत पंजीकरण के ही मरीजों को भर्ती कर इलाज कर रहे थे, जो कि पूरी तरह अवैध था।
दो क्लीनिक सील, कार्रवाई जारी रहेगी

कार्यवाही के दौरान जीवन ज्योति पैथोलॉजी और नेयाजुदीन क्लीनिक को तुरंत प्रभाव से सील कर दिया गया। इन क्लीनिकों पर अनियमितताएं और फर्जीवाड़ा पाए गए थे। प्रशासन ने पंचनामा तैयार कर सभी प्रमाण एकत्र किए।
रामानुजगंज के एसडीएम, आनंद नेताम ने बताया, “हमारी टीम ने आज कई क्लीनिकों की जांच की और दो क्लीनिकों में गंभीर नियम उल्लंघन पाया। उन पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सील कर दिया गया। यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। जहां भी अवैध रूप से क्लीनिक चलाए जाएंगे, वहां सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बिना डिग्री वाले झोलाछाप डॉक्टरों के पास इलाज कराने से बचें, क्योंकि इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।
“बिना रजिस्ट्रेशन इलाज पूरी तरह गैरकानूनी” बीएमओ डॉ. महेश प्रसाद गुप्ता
ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ), डॉ. महेश प्रसाद गुप्ता ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया कि कई क्लीनिक और मेडिकल स्टोर नर्सिंग एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं हैं, बावजूद इसके वे इलाज कर रहे थे। “हम लगातार जांच कर रहे हैं, जहां भी रजिस्ट्रेशन नहीं पाया जाएगा, वहां सीलबंदी की जाएगी। कई जगह मेडिकल स्टोर के नाम पर फर्जी क्लीनिक चलाए जा रहे हैं, जो नियमों का गंभीर उल्लंघन है,” डॉ. गुप्ता ने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि मरीजों को सही चिकित्सकीय प्रक्रिया की जानकारी न होने के कारण वे झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में फंस जाते हैं, जो उनकी जान के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

आयुष डॉक्टरों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि आयुष (आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी) के पंजीकृत डॉक्टरों को एलोपैथिक दवाएं लिखने या एलोपैथी इलाज करने की अनुमति नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर लागू नेशनल कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन (NCISM) अधिनियम के तहत यह प्रावधान पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। फिर भी, कुछ लोग इस नियम का उल्लंघन कर एलोपैथिक दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं।
झोलाछाप डॉक्टरों पर शिकंजा कसने की तैयारी
प्रशासन ने साफ किया है कि यह कार्रवाई एक बार की नहीं है। आने वाले दिनों में टीम शहर और ग्रामीण दोनों इलाकों में छापेमारी अभियान जारी रखेगी। एसडीएम नेताम ने कहा, “हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है। झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराना जान जोखिम में डालने जैसा है। अब ऐसे फर्जी क्लीनिक और अवैध डॉक्टर किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे।”





