मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल अब जल्द ही मेट्रो की सुविधा से लैस होने जा रही है। मेट्रो कॉर्पोरेशन ने इसके पहले चरण की टेस्टिंग को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। ट्रायल रन के दौरान सुरक्षा, ब्रेकिंग और संतुलन की कड़ी जांच की गई — और वो भी 1800 यात्रियों के बराबर वजन वाली रेत की बोरियों के साथ।
इस ट्रायल का उद्देश्य था मेट्रो के वास्तविक संचालन से पहले हर तकनीकी पहलू को परखना, जिससे यात्रियों को मिले एक सुरक्षित, तेज और आरामदायक सफर।
कैसे हुआ मेट्रो का ब्रेकिंग सिस्टम टेस्ट?
1800 यात्रियों का भार सिम्युलेट किया गया
- मेट्रो कोच में आमतौर पर 300 यात्रियों (250 खड़े, 50 बैठे) की क्षमता होती है।
- टेस्टिंग के दौरान इससे दोगुने वजन, यानी 1800 यात्रियों के बराबर रेत की बोरियां हर बोगी में रखी गईं।
- फिर मेट्रो को 90 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ाया गया और ब्रेकिंग सिस्टम का मूल्यांकन किया गया।
कहां हुआ ट्रायल?
- स्थान: सुभाष नगर से एम्स तक की मुख्य लाइन
- अवधि: 9 जुलाई से 21 जुलाई, 2025
- रूट: AIIMS से करोंद तक का 16.05 किमी लंबा कॉरिडोर, जिसमें सुभाष नगर से एम्स तक 6.22 किमी प्रायोरिटी कॉरिडोर है।
RDSO की तकनीकी जांच: क्यों है जरूरी?
ट्रायल के दौरान RDSO (Research Designs and Standards Organisation) की टीम ने मेट्रो की निम्न तकनीकी पहलुओं की गहन जांच की:
- ऑसिलेशन टेस्ट: मेट्रो की स्थिरता और झटकों का प्रभाव
- राइड क्वालिटी: सफर की स्मूदनेस
- EBD (Emergency Braking Distance): इमरजेंसी ब्रेकिंग पर रुकने की दूरी
इस डाटा के आधार पर RDSO आगामी 20 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। इसके बाद CMRS (Commissioner of Metro Rail Safety) द्वारा अंतिम निरीक्षण किया जाएगा।
यदि यह चरण भी सफल रहा, तो अक्टूबर 2025 से भोपाल में मेट्रो की यात्री सेवा शुरू हो जाएगी।
कौन-कौन से स्टेशन आएंगे पहले फेज में?
प्रायोरिटी कॉरिडोर के स्टेशन:
- सुभाष नगर
- आरकेएमपी
- अलकापुरी
- डीआरएम
- एम्स
इन स्टेशनों पर अब अंतिम निरीक्षण की तैयारी चल रही है। स्टील ब्रिज की लोड टेस्टिंग भी पूरी हो चुकी है।
क्यों है यह ट्रायल अहम?
- यह परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि मेट्रो यात्रा पूरी तरह सुरक्षित और सुविधाजनक हो।
- समय पर ट्रायल और तकनीकी जांचें पूरा होना यह संकेत देती हैं कि परियोजना अब अपने अंतिम चरण में है।
- मेट्रो शुरू होने से भोपाल के ट्रैफिक पर बोझ कम होगा, और आम नागरिकों को एक सस्ता, स्वच्छ और तेज़ विकल्प मिलेगा।
कब से चलने लगेगी मेट्रो?
यदि RDSO और CMRS की मंजूरी समय पर मिल जाती है, तो भोपाल मेट्रो अक्टूबर 2025 में यात्रियों के लिए खोल दी जाएगी। भोपाल के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा, क्योंकि इससे शहर के स्मार्ट सिटी मिशन को नई दिशा मिलेगी।
भोपाल मेट्रो का ट्रायल ट्रैक और ब्रेकिंग सिस्टम दोनों ही मोर्चों पर सफल रहा है। यदि सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो बहुत जल्द राजधानी के लोग मेट्रो की रफ्तार का आनंद लेंगे।