दहशतगर्द जम्मू-कश्मीर में लगातार शांति भंग करने की फिराक में हैं। डोडा जिले के देसा वन क्षेत्र में सोमवार को आतंकियों के साथ हुई संक्षिप्त मुठभेड़ में एक सैन्य अधिकारी समेत पांच सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। घायलों की गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से एक अधिकारी समेत चार जवानों ने दम तोड़ दिया। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर रखी है। घटना स्थल पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों को भेजा गया है।
क्या बोले अधिकारी
अधिकारियों ने बताया मुठभेड़ तब शुरू हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने शाम करीब 7.45 बजे देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरारबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया।
सेना की ह्वाइट नाइट कोर ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, विशिष्ट खुफिया सूचनाओं के आधार पर सेना और पुलिस की ओर से डोडा के उत्तर में सामान्य क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान जारी था। रात लगभग 9 बजे आतंकियों से संपर्क स्थापित हुआ, जिसके बाद भारी गोलीबारी हुई। अतिरिक्त सैनिकों को इलाके में भेजा गया है।
24 घंटे पहले तीन आतंकी हुए थे ढ़ेर
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में 24 घंटे पहले ही सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। मारे गए तीनों आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं। नियंत्रण रेखा के पास हुई मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी बड़े हमले की तैयारी में थे। लेकिन इससे पहले पुलिस औ र सेना के सतर्क जवानों ने उनके नापाक इरादों को मिट्टी में मिला दिया।
ऑपरेशन धनुष को मिली बड़ी सफलता
आतंकवादियों का इरादा जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करना था। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए 268 ब्रिगेड केरन सेक्टर के कमांडर बीटीआईजी एन एल कुर्कर्णी ने बताया कि ऑपरेशन धनुष की एक महत्वपूर्ण सफलता है। इसमें कुपवाड़ा पुलिस के साथ एक संयुक्त प्रयास में केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ के प्रयास को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
बरामद हुए भारी हथियार
ऑपरेशन में तीन एके-47 राइफल, चार पिस्तौल और छह हथगोले सहित हथियारों और गोला-बारूद का एक बड़ा ढ़ेर बरामद किया गया। इसके अलावा, पाकिस्तान-मार्क वाली सिगरेट और खाद्य पदार्थ जब्त किए गए।