BY: Yoganand Shrivastva
हैदराबाद, तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के मेगास्टार महेश बाबू इस बार किसी फिल्म या ब्रांड डील को लेकर नहीं, बल्कि एक रियल एस्टेट धोखाधड़ी मामले को लेकर सुर्खियों में हैं। अभिनेता का नाम साई सूर्या डेवलपर्स नामक रियल एस्टेट कंपनी से जुड़े एक विवाद में सामने आया है, जिसके चलते रंगा रेड्डी जिला उपभोक्ता आयोग ने उन्हें कानूनी नोटिस जारी किया है।
ब्रांड एंबेसडर की भूमिका बनी कानूनी पेंच की वजह
महेश बाबू साई सूर्या डेवलपर्स के ब्रांड एंबेसडर रहे हैं। उपभोक्ता आयोग को मिली शिकायत के अनुसार, हैदराबाद की एक महिला डॉक्टर ने कंपनी की ओर से प्रचारित एक प्रोजेक्ट में भरोसा कर 34.8 लाख रुपये का निवेश किया था। बाद में सामने आया कि वह लेआउट वास्तविकता में अस्तित्व में ही नहीं है।
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि
“महेश बाबू जैसे बड़े अभिनेता के प्रचार के कारण ही योजना पर भरोसा किया गया और यह निर्णय लिया गया। यह विश्वास अब आर्थिक नुकसान में बदल चुका है।”
प्रवर्तन निदेशालय की जांच भी जारी
इससे पहले अप्रैल 2025 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने साई सूर्या डेवलपर्स और सुराना ग्रुप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में महेश बाबू से पूछताछ के लिए संपर्क किया था। रिपोर्टों के अनुसार, अभिनेता को कंपनी की प्रचार सामग्री के लिए करीब 5.9 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिसमें कुछ राशि नकद में भी दी गई थी।
हालांकि, अभी तक महेश बाबू को आधिकारिक रूप से किसी आपराधिक आरोप में नामित नहीं किया गया है, लेकिन मामले की गंभीरता और अभिनेता की उच्च-प्रोफ़ाइल मौजूदगी के चलते उनके नाम की जांच जारी है।
अगली सुनवाई 7 अगस्त को, महेश बाबू की चुप्पी बरकरार
रंगा रेड्डी जिला उपभोक्ता आयोग ने महेश बाबू, साई सूर्या डेवलपर्स, और उसके मालिक कंचरला सतीश चंद्र गुप्ता को सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई की तारीख 7 अगस्त 2025 तय की गई है।
अब तक न तो अभिनेता महेश बाबू और न ही उनकी टीम की ओर से इस मामले को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है।
फिल्मी छवि को लगेगा झटका?
फिल्म इंडस्ट्री और फैंस की निगाहें अब इस केस के आगामी घटनाक्रम पर टिकी हैं। एक ओर जहां महेश बाबू का नाम देश के सबसे साफ-सुथरे और भरोसेमंद सितारों में शुमार होता है, वहीं दूसरी ओर इस तरह का विवाद उनकी छवि को चुनौती दे सकता है।