पुलिस की शक की सुई ठेकेदार पर जाकर अटकी!
रायपुर: लोकतंत्र का चौथा खंभा कहा जाने वाला पत्रकारिता काम अब सुरक्षित नहीं रहा है। हम बात कर रहे हैं बीजापुर जिले में एक युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से जुड़े मामले की। मुकेश एक जनवरी से लापता थे। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एक व्यक्ति सुबह काम पर निकला और शाम को जब वो घर नहीं लौटा तो उसके परिजनों का क्या हाल रहा होगा। मुकेश घर नहीं लौटे तो परिजनों ने थाने में शिकायत की। पुलिस जब सुरागों के आधार पर उस जगह पहुंची, जहां मुकेश के फोन की आखिरी लोकेशन मिली थी। पुलिस ने मौके पर तलाशी ली तो उसके भी होश उड़ गए। टैंक में मुकेश चंद्राकर की लाश पड़ी मिली। मुकेश की मौत का खुलासा होने के बाद पुलिस ने जब तफ्तीश से छानबीन की तो पता चला ये हत्याकांड एक सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार से जुड़ा है।
पुलिस ठेकेदार के छोटे भाई से कर रही पूछताछ
कुछ दिन पहले पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने 120 करोड़ रु. की लागत से बनने वाली सड़क के निर्माण में भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित की थी। इसमें सड़क के खस्ताहाल स्थिति को उजागर किया था। बताया जाता है कि ये काम ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने ही करवाया था। इस वजह से मुकेश चंद्राकर और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर में विवाद चल रहा था। पत्रकार की हत्या को सुरेश चंद्राकर से जोड़कर देखा जा रहा है। पुलिस ने सुरेश चंद्राकर के छोटे भाई को भी इस मामले में हिरासत लिया है और पूछताछ कर रही है। फिलहाल पुलिस की जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि मामले की सच्चाई क्या है।