महाराष्ट्र के नागपुर जिले के वडधामना गांव ने भारत की शिक्षा व्यवस्था में नया इतिहास रच दिया है। यहां देश की पहली AI पावर्ड आंगनबाड़ी की शुरुआत हुई है, जहां बच्चे अब स्मार्ट डिवाइसेज और अत्याधुनिक तकनीक के साथ पढ़ाई करेंगे।
यह आंगनबाड़ी न केवल शिक्षा बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण की निगरानी में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का इस्तेमाल करेगी।
कहां खुला पहला AI आंगनबाड़ी केंद्र?
- स्थान: वडधामना गांव, हिंगना तहसील, नागपुर, महाराष्ट्र
- उद्घाटन: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
- दूरी: नागपुर शहर से लगभग 18 किलोमीटर
- पहल: नागपुर जिला परिषद की ‘मिशन बाल भरारी’ योजना
AI आंगनबाड़ी की खास सुविधाएं
इस केंद्र को हाइटेक बनाने के लिए कई डिजिटल और स्मार्ट टूल्स लगाए गए हैं:
- स्मार्टबोर्ड और टैबलेट
- वर्चुअल रियलिटी हेडसेट्स
- इंटरैक्टिव लर्निंग डिवाइसेज
- Wi-Fi और CCTV कैमरे
पहले जहां बच्चों की संख्या केवल 10 थी, अब बढ़कर 25 से ज्यादा हो गई है।
स्मार्ट क्लासरूम का अनुभव
यहां की पढ़ाई पारंपरिक आंगनबाड़ी से बिलकुल अलग है:
- बच्चे स्मार्ट डिवाइस पर ड्रॉइंग और क्रिएटिव एक्टिविटी कर सकते हैं।
- हर बच्चे की सीखने की गति (स्लो लर्नर और फास्ट लर्नर) के अनुसार लेसन तैयार किए जाते हैं।
- उनकी परफॉर्मेंस डिजिटल रूप से रिकॉर्ड की जाती है।
इससे बच्चों की क्रिएटिविटी, इमेजिनेशन और पढ़ाई में रुचि बढ़ रही है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिला खास प्रशिक्षण
- कर्मचारियों को स्मार्ट डिवाइस और AI टूल्स इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी गई है।
- Wi-Fi और CCTV से सुरक्षा और मॉनिटरिंग सुनिश्चित की गई है।
- इंटरनेट कनेक्टिविटी से सभी डिवाइस हमेशा अपडेटेड रहते हैं।
शिक्षा के साथ स्वास्थ्य पर भी ध्यान
AI आंगनबाड़ी केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर भी फोकस कर रही है:
- सरकार के ‘पोषण ट्रैकर’ प्लेटफॉर्म से कनेक्टेड
- बच्चों के खाने और शारीरिक विकास का रियल-टाइम डेटा मॉनिटरिंग
- सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर बच्चे को उचित पोषण और देखभाल मिले
वडधामना की यह AI आंगनबाड़ी भारत के ग्रामीण शिक्षा ढांचे के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो रही है। स्मार्ट डिवाइसेज और AI की मदद से बच्चे न केवल पढ़ाई में आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि उनका स्वास्थ्य और पोषण भी सुरक्षित हो रहा है।