BY: Vijay Nandan
भगवा पर मल्लिकार्जुन खरगे के बयान से उपजा विवाद
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में एक चुनावी सभा में भगवा वस्त्र पहनने वाले नेताओं पर तंज कसते हुए कहा था कि “कुछ लोग साधु-संतों के भेष में रहते हैं, गेरुआ कपड़े पहनते हैं और उनके सिर पर बाल नहीं होते।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि वे संन्यासी हैं, तो उन्हें राजनीति छोड़ देनी चाहिए। इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), संत समाज और विभिन्न हिन्दू संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खरगे के बयान पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा, “भगवा सनातन धर्म की पहचान है और यह इस्लाम धर्म के जन्म से भी पहले से अस्तित्व में है। यह त्याग, बलिदान और साधना का प्रतीक है। कांग्रेस और उसके नेता सनातन संस्कृति पर हमला करके अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं, लेकिन जनता उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी।”
उन्होंने आगे कहा, “जिस भगवा को देखकर कांग्रेसियों को चिढ़ होती है, उसी भगवा ने भारत को महान बनाया है। यह वही रंग है, जो भगवान राम, कृष्ण, गुरु गोरखनाथ, शिवाजी और महाराणा प्रताप से जुड़ा रहा है। कांग्रेस के नेताओं को अपनी मानसिकता बदलनी होगी, नहीं तो जनता उन्हें इतिहास बना देगी।”
संत समाज की प्रतिक्रिया: रामभद्राचार्य का बयान
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने खरगे के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “भगवा ही राजनीति करने का सही अधिकार रखता है, क्योंकि यह त्याग और समर्पण का रंग है। यह कहां लिखा है कि राजनीति केवल अपराधियों और अवसरवादियों को करनी चाहिए?”
उन्होंने आगे कहा, “भगवा सनातन संस्कृति की आत्मा है। इसी भगवा ध्वज को लेकर शिवाजी ने हिंदू साम्राज्य की स्थापना की थी। यह रंग केवल कपड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक विचारधारा है जो सेवा और राष्ट्र निर्माण का प्रतीक है। कांग्रेस के नेताओं को यह समझना चाहिए कि भगवा को अपमानित करना, देश की परंपरा और संस्कृति को अपमानित करने के समान है।”
संभल विवाद और योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान
संभल में मस्जिद विवाद के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 मार्च 2025 को एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संभल का उल्लेख 5,000 साल पुराने ग्रंथों में मिलता है, जो इस्लाम के उदय से लगभग 2,000 वर्ष पूर्व का है। उन्होंने कहा कि संभल में भगवान विष्णु के भावी अवतार का उल्लेख प्राचीन शास्त्रों में है, जबकि इस्लाम का उदय केवल 1,400 वर्ष पहले हुआ था।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 1526 में संभल में स्थित श्री हरि विष्णु मंदिर को नष्ट कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि संभल में 68 तीर्थस्थल थे, जिनमें से अब तक केवल 18 की पहचान हो पाई है, और 19 प्राचीन कूपों का भी उत्खनन किया गया है। उन्होंने बताया कि 56 वर्षों के बाद पहली बार वहाँ के शिव मंदिर में जलाभिषेक हुआ है।
मल्लिकार्जुन खरगे के भगवा पर दिए गए बयान के बाद राजनीतिक और धार्मिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संत समाज ने इस बयान की कड़ी आलोचना की है। इसके अलावा, संभल में चल रहे विवाद के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऐतिहासिक संदर्भों का उल्लेख करने से यह मामला और अधिक गरमाता जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी चुनावों में ये दोनों मुद्दे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
हमारे 5,000 वर्ष पुराने पुराणों में भी संभल का उल्लेख है…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 12, 2025
कब श्रीहरि विष्णु का दसवां अवतार होगा, एक-एक चीज मौजूद है… pic.twitter.com/gXXUgh26ic