गोंडवाना एक्सप्रेस में सफर कर रही मथुरा की एक महिला ने ग्वालियर स्टेशन से पहले चलती ट्रेन में बच्चे को जन्म दिया। गर्भवती महिला को अचानक रात में प्रसव पीड़ा शुरू हुई। अस्पताल पहुंचना संभव नहीं था, लेकिन ट्रेन में मौजूद महिला यात्रियों ने बिना डॉक्टर के साहस और समझदारी से डिलीवरी कराई।
घटना की पूरी जानकारी
- घटना का समय: मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात, करीब 3 से 4 बजे के बीच
- स्थान: गोंडवाना एक्सप्रेस, ग्वालियर स्टेशन से कुछ पहले
- महिला का नाम: रोशनी (मूल निवासी मथुरा, उत्तर प्रदेश)
- यात्रा मार्ग: मथुरा से दमोह की ओर
अचानक हुई पीड़ा, महिला यात्रियों ने निभाई डॉक्टर की भूमिका
गर्भवती महिला रोशनी जब ग्वालियर के पास ट्रेन में थीं, तब उन्हें तेज पेट दर्द शुरू हुआ। इस मुश्किल वक्त में ट्रेन में मौजूद 3-4 महिला यात्रियों ने बिना किसी मेडिकल सुविधा के डिलीवरी की पूरी प्रक्रिया को संभाला। यात्रियों ने तुरंत ट्रेन का एक कंपार्टमेंट खाली करवाया ताकि डिलीवरी के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।
स्टेशन पर आरपीएफ ने निभाई जिम्मेदारी
ग्वालियर स्टेशन पर पहुंचते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की महिला पुलिसकर्मियों ने मां और नवजात को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों के अनुसार, मां और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं।
यात्रियों की संवेदनशीलता बनी मिसाल
इस घटना में जहां महिला यात्रियों की मानवता और संवेदनशीलता ने एक जीवन को सुरक्षित रखा, वहीं रेलवे और RPF की तत्परता भी सराहनीय रही। यह घटना यह साबित करती है कि आपात स्थिति में आम लोग भी असाधारण काम कर सकते हैं।
क्यों है यह खबर महत्वपूर्ण?
- यह एक मानवता और तत्परता का उदाहरण है
- रेलवे यात्रियों के बीच आपसी सहयोग की एक प्रेरणादायक कहानी
- बताती है कि सामान्य लोग भी संकट की घड़ी में जीवन रक्षक बन सकते हैं
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ग्वालियर स्टेशन के पास चलती ट्रेन में जन्मी यह जिंदगी सिर्फ एक संयोग नहीं, बल्कि मानवता की मिसाल है। महिला यात्रियों की मदद, रेलवे स्टाफ की तत्परता और एक नई जिंदगी की सुरक्षित शुरुआत – यह कहानी दिल को छू जाती है।