BY: Yoganand shrivastva
मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सेंट रिचर्ड पम्पुरी अस्पताल के डॉक्टर की कथित लापरवाही से महिला मरीज की जान चली गई। बिना ज़रूरी जांच के किडनी का ऑपरेशन किए जाने के बाद महिला के शरीर में संक्रमण फैल गया, जिसके कारण दोनों पैर काटने पड़े और अंततः महिला की मृत्यु हो गई।
डॉक्टर पर दर्ज हुई एफआईआर
पुलिस ने इस मामले में डॉ. शेख वाजिद के खिलाफ आईपीसी की धारा 106(1) (लापरवाही से मृत्यु) के तहत केस दर्ज किया है। क्रिमिनल लॉयर रोचक नागौरी के अनुसार, इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम 5 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन पर अब तक कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं की गई है।
ऑपरेशन से पहले नहीं कराए ज़रूरी टेस्ट
सीएमएचओ की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि ऑपरेशन से पहले किडनी की कार्यप्रणाली, पेशाब में प्रोटीन और खून की मात्रा की जांच जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं नहीं की गई थीं। इन जांचों के बिना किए गए ऑपरेशन के कारण महिला के शरीर में गंभीर संक्रमण फैल गया।
21 मई को हुई थी भर्ती, 16 जून को मौत
चिनाई रोजड़ी निवासी ज्योति ओसवाल को किडनी की समस्या के चलते 21 मई को पम्पुरी अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने 22 मई को ऑपरेशन किया, लेकिन कुछ ही घंटों में उनकी हालत बिगड़ गई। पैरों पर काले धब्बे आने लगे। इंदौर रेफर करने के बाद डॉक्टरों ने दोनों पैर काट दिए। 8 दिन बाद 16 जून को महिला की मौत हो गई।
इलाज में खर्च हुआ लाखों का कर्ज
परिजनों के अनुसार, उनके पास आयुष्मान कार्ड था, फिर भी पम्पुरी अस्पताल ने ₹50,000 की वसूली की। इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भी लगभग ₹1.5 लाख का खर्च आया। पांच लाख की आयुष्मान लिमिट खत्म होने पर परिजनों ने ₹2 लाख का कर्ज लेकर इलाज करवाया।
परिजनों का आरोप और हंगामा
मृतक महिला के पति मनोज ओसवाल ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने कहा था पत्नी 4 दिन में ठीक हो जाएगी, लेकिन ऑपरेशन के बाद पैर काम नहीं कर रहे थे। बाद में कहा गया कि इंदौर में इलाज फ्री होगा, जबकि वहां भी भारी खर्च हुआ।
महिला की मौत के बाद परिजन भड़क गए और पम्पुरी अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी। पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में लिया।