मोबाइल सिर्फ गैजेट्स नहीं ‘जिगर का टुकड़ा’ बन गया है, कैसे जानिए
रिोपर्ट- सुरेश कुमार, एडिट- विजय नंदन
सिंगरौली: दीवाली से पहले सिंगरौली पुलिस ने लोगों को बड़ी राहत दी है। पुलिस ने गुम हुए 288 मोबाइल फोन उनके मालिकों को वापस सौंप दिए, जिनकी कुल कीमत करीब 68 लाख रुपये बताई गई है। Fस पहल से जिलेभर में खुशी का माहौल है। पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने बताया कि साइबर सेल और पुलिस टीम ने बीते चार महीनों में अलग-अलग इलाकों से इन मोबाइलों को बरामद किया। यह सफलता दूरसंचार विभाग के “संचार साथी पोर्टल” की मदद से मिली है।
बरामद मोबाइल न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों से भी मिले हैं।

इस अवसर पर एसपी मनीष खत्री ने कहा कि “हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि यदि उनका मोबाइल फोन गुम हो जाता है, तो वे तत्काल संचार साथी पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। इससे फोन को जल्दी ट्रेस करने में मदद मिलती है। दीवाली से पहले सिंगरौली पुलिस की यह पहल जनता के लिए खुशियों का तोहफा साबित हुई है।
मोबाइल सिर्फ गैजेट्स नहीं ‘जिगर का टुकड़ा’
आज के समय में मोबाइल फोन हमारी ज़िंदगी का बहुत जरूरी हिस्सा बन गया है। पहले मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ बात करने के लिए होता था, लेकिन अब यह हर काम में काम आता है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक, मोबाइल हमारे साथ रहता है। अलार्म लगाना हो, खबरें पढ़नी हों, बैंक का काम करना हो या किसी से वीडियो कॉल करनी हो, सब कुछ मोबाइल से ही हो जाता है। मोबाइल की वजह से दुनिया अब हमारे हाथ में आ गई है। सोशल मीडिया के जरिए हम अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से जुड़े रहते हैं, चाहे वे कहीं भी हों। आज मोबाइल खो जाना ऐसा लगता है जैसे कोई जरूरी चीज़ या अपना “जिगर का टुकड़ा” खो गया हो। इसमें हमारे फोटो, वीडियो, यादें और जरूरी जानकारी होती हैं, इसलिए इसका मिलना बहुत राहत देता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो मोबाइल अब सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन का अहम हिस्सा बन गया है।