मुजफ्फरनगर में एक पंचायत ने बलात्कार के प्रयास के आरोपी एक व्यक्ति को जूते मारने की सजा सुनाई, जिससे लोगों में गुस्सा फैल गया। पीड़िता के परिवार ने पंचायत की इस हल्की सजा की आलोचना की और पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की। मामले की जांच अभी चल रही है।

घटना का विवरण
यह घटना चरथावल पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में हुई, जिसमें जाट समुदाय के तीरथपाल नामक व्यक्ति पर एक 26 वर्षीय महिला को एक ट्यूबवेल के पास के कमरे में घसीटकर बलात्कार करने का प्रयास करने का आरोप लगा। महिला ने एक दरांती की मदद से खुद को बचाया और तुरंत अपने परिवार को घटना की सूचना दी।
पंचायत का फैसला
पीड़िता के परिवार ने आरोपी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए स्थानीय पुलिस से संपर्क किया। हालांकि, कानूनी कार्रवाई के बजाय, गांव के मुखिया के घर पर एक पंचायत बुलाई गई, जिसने तीरथपाल को जूते मारने की सजा सुनाई। शुरू में पांच जूते मारने की सजा सुनाई गई थी, लेकिन आरोपी के चाचा के हस्तक्षेप के बाद इसे घटाकर दो कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें तीरथपाल को पंचायत के सदस्यों की मौजूदगी में जूते मारते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो ने मामले को लेकर और भी विवाद पैदा कर दिया है, क्योंकि लोगों ने इस गंभीर मामले को इतनी हल्की सजा देने की आलोचना की है।
पीड़िता के परिवार की प्रतिक्रिया
पीड़िता के परिवार ने पंचायत के फैसले और पुलिस की प्रतिक्रिया पर गहरी नाराजगी जताई। पीड़िता के भाई लक्ष्मण ने आरोप लगाया कि पंचायत पक्षपातपूर्ण थी और उनके समुदाय के लोगों को गांव के मुखिया के समर्थकों ने लाठीचार्ज किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंचायत के दौरान प्रधान नशे में थे।
लक्ष्मण ने कहा, “हम चाहते हैं कि वह जेल जाए। आरोपी को उसके चाचा ने जूते मारे और इसे सजा कहा। हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। लड़की को खुद उसे सजा देने दी जाए।”
पुलिस की प्रतिक्रिया
लक्ष्मण ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस ने छुट्टी और प्रक्रियात्मक मुद्दों का हवाला देकर कार्रवाई में देरी की। “हम अगले दिन पुलिस स्टेशन गए, लेकिन उन्होंने कहा कि रविवार है और हमें अगले दिन आने को कहा,” उन्होंने आरोप लगाया।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
वायरल वीडियो के बाद, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मामले पर ध्यान दिया और कार्रवाई का वादा किया। तीरथपाल के खिलाफ बलात्कार के प्रयास से संबंधित गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच चल रही है। हालांकि, पीड़िता का परिवार अभी भी संशकित है, उन्हें डर है कि सामाजिक दबाव के कारण मामले को हल्के में लिया जा सकता है।
निष्कर्ष
यह घटना एक बार फिर से ग्रामीण इलाकों में पंचायतों द्वारा दी जाने वाली सजाओं और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल खड़े करती है। ऐसे गंभीर मामलों में कानूनी प्रक्रिया का पालन करना और पीड़िता को न्याय दिलाना अत्यंत आवश्यक है।
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