दिल्ली: यूनियन बजट 2025 भारतीय रेलवे को देश की जीवनरेखा माना जाता है। इस बार के बजट में रेलवे के लिए बड़े ऐलान की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने कोई खास बड़ी घोषणा करने से परहेज किया है। आइए जानते हैं कि सरकार ने रेलवे बजट में किन मदों को प्राथमिकता दी है और क्या-क्या अहम प्रावधान किए हैं।
केंद्रीय बजट 2025 में रेलवे मंत्रालय के लिए कुल 2.55 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें राजस्व व्यय के लिए 3,445 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) के लिए 2,52,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं। इसके अलावा, पेंशन फंड के लिए 66,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। नई रेल लाइन बिछाने के लिए 32,235 करोड़ रुपये, लाइनों के दोहरीकरण के लिए 32,000 करोड़ रुपये और गेज लाइन में बदलाव के लिए 4,550 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
रेलवे बजट में विभिन्न मदों के लिए आवंटन
- सिग्नलिंग और टेलीकॉम के लिए 6,800 करोड़ रुपये
- विद्युत लाइनों के लिए 6,150 करोड़ रुपये
- स्टाफ कल्याण के लिए 833 करोड़ रुपये
- रेलवे स्टाफ की ट्रेनिंग के लिए 301 करोड़ रुपये
- रेलवे सेफ्टी फंड में 45,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे
रेलवे सुरक्षा पर विशेष ध्यान
रेल मंत्रालय ने रेल हादसों को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है। इसके तहत देश के प्रमुख रेलवे रूट पर ‘कवच’ (ट्रेन कोलिजन एवॉइडेंस सिस्टम) के अपग्रेडेड वर्जन 4.0 को लगाने का काम तेजी से किया जाएगा। कवच के इस नए वर्जन को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) ने हाल ही में मंजूरी दी है।
रेलवे मंत्रालय के अनुसार, दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता जैसे व्यस्त रूटों को कवच से लैस किया जा रहा है। इसके अलावा, मुंबई-चेन्नई और चेन्नई-कोलकाता रूट पर भी कवच लगाया जाएगा। कुल मिलाकर लगभग 9,000 किलोमीटर लंबे ट्रैक को कवच से सुसज्जित करने की तैयारी है।
पूंजीगत व्यय पर ध्यान
रेलवे से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस बजट में रेलवे के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में 20% तक की बढ़ोतरी की उम्मीद थी। हालांकि, पिछले बजट में आवंटित 2.65 लाख करोड़ रुपये में से रेलवे ने लगभग 80% खर्च कर लिया है। रेलवे बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, चालू वित्तीय वर्ष में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का खर्च किया गया है।
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