BY: MOHIT JAIN
टायफून रगासा (Ragasa) ने एशिया में भारी तबाही मचाई।
- फिलीपींस में 11 लोगों की जान गई।
- ताइवान में 17 मौतें हुईं और 33 लोग लापता हो गए।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि चीन में इस तूफान से एक भी मौत नहीं हुई, जबकि यह तूफान दक्षिण चीन के पांच प्रांतों से टकराया और हवा की रफ्तार 212 किमी प्रति घंटा थी।
चीन पर तूफान का असर

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक:
- लगभग 20 लाख लोग प्रभावित हुए।
- सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो गए।
- कई इलाकों में बिजली ठप हो गई, लेकिन 60% से ज्यादा घरों में बिजली बहाल कर दी गई।
फिर भी, मौत का कोई आंकड़ा सामने नहीं आया। सवाल यह है कि आखिर चीन ने कैसे तूफान की मार को कम कर दिया?
कैसे चीन ने तूफान की धार कुंद की?
चीन का दावा है कि यह इस साल का 18वां तूफान था और सबसे शक्तिशाली भी। फिर भी नुकसान कम हुआ क्योंकि चीन ने समय रहते चार बड़े कदम उठाए।
1. बड़े पैमाने पर रेस्क्यू
सबसे असुरक्षित इलाकों से 4 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। 24 घंटे के भीतर घर खाली कराए गए और उन्हें सील कर दिया गया ताकि हवा का असर कम हो।
2. एडवाइजरी और सुरक्षा उपाय
सरकार ने प्रभावित इलाकों में एडवाइजरी जारी की।
- खिड़कियों और दरवाजों पर डबल कोट लगाने की अपील की गई।
- लोगों से कहा गया कि वे घर से बाहर न निकलें।
3. स्कूल, बाजार और दफ्तर बंद
आपदा प्रबंधन विभाग ने स्कूल, कॉलेज और दुकानें बंद कराईं।
80 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को फील्ड पर राहत कार्य के लिए तैनात किया गया।
4. हेल्थ और शेल्टर सिस्टम एक्टिव
सिर्फ ग्वांगडोंग प्रांत में 10 हजार हेल्थ वर्कर्स तैनात रहे।
पूरे दक्षिणी क्षेत्र में 1,059 आश्रय स्थल खोले गए, जहां लोगों को खाना, दवा और जरूरी सुविधाएं दी गईं।
चीन की तैयारी बनी ढाल
जहां ताइवान और फिलीपींस तूफान रगासा की चपेट में आकर बड़ी हानि झेल रहे हैं, वहीं चीन की एडवांस प्लानिंग और सख्त कदमों ने लाखों जिंदगियां बचा लीं। यह उदाहरण बताता है कि प्राकृतिक आपदा को रोकना संभव नहीं, लेकिन सही तैयारी से उसका असर जरूर घटाया जा सकता है।