BY: Yoganand Shrivastva
नीदरलैंड्स में आयोजित नाटो समिट के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और तेल व्यापार को लेकर एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा, “ईरान ने हालिया युद्ध में बहादुरी दिखाई है। उन्हें अब खुद को संभालने और आर्थिक रूप से उबरने की जरूरत है, इसलिए मैं उनके ऑयल ट्रेड में हस्तक्षेप नहीं करूंगा।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर चीन ईरान से तेल खरीदना चाहता है, तो उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन भविष्य में अमेरिका से भी तेल खरीदारी करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान और अमेरिका के बीच अगले सप्ताह बातचीत की योजना है।
सीजफायर के बाद नरमी के संकेत
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले संघर्ष के बाद मंगलवार को ट्रंप ने सीजफायर की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में ईरान को भारी नुकसान झेलना पड़ा है, और अब उसका ध्यान पुनर्निर्माण पर होना चाहिए।
प्रतिबंधों में ढील नहीं: व्हाइट हाउस
हालांकि, ट्रंप के बयान के बाद व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि इसका यह मतलब नहीं है कि अमेरिका ने ईरान पर लगे प्रतिबंधों में कोई ढील दी है। उन्होंने कहा कि “ईरान पर प्रतिबंध यथावत हैं, और किसी भी तरह की छूट की घोषणा नहीं की गई है।”
पिछले बयानों से जुड़ाव
इससे एक दिन पहले भी, जब ट्रंप NATO समिट में भाग लेने रवाना हो रहे थे, तब उन्होंने मीडिया से कहा था कि “अगर चीन ईरान से तेल खरीदना चाहता है, तो यह उसका निर्णय है, लेकिन मैं चाहता हूं कि चीन अमेरिका से भी तेल खरीदे।”