अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर व्यापारिक जंग छेड़ दी है—इस बार निशाना है स्मार्टफोन उद्योग। 23 मई 2025 को ट्रंप ने अमेरिका में आयात होने वाले स्मार्टफोनों पर 25% टैरिफ (शुल्क) लगाने का प्रस्ताव रखा। इस फैसले से सीधे तौर पर Apple और Samsung जैसे दिग्गज कंपनियों पर असर पड़ेगा, खासकर उनकी भारत और वियतनाम में हो रही मैन्युफैक्चरिंग पर।
यह कदम केवल कीमतों को ही नहीं, बल्कि पूरी ग्लोबल सप्लाई चेन को हिला सकता है। आइए समझते हैं कि यह फैसला उपभोक्ताओं, कंपनियों और बाजार के लिए क्या मायने रखता है।
📢 क्या है ट्रंप का नया प्रस्ताव?
- अमेरिका में आयात किए गए स्मार्टफोनों पर 25% शुल्क।
- Apple और Samsung को विशेष रूप से टारगेट किया गया।
- मकसद: अमेरिका में निर्माण को बढ़ावा देना और एशिया पर निर्भरता कम करना।
यह प्रस्ताव ट्रंप के पहले कार्यकाल की “America First” नीति की याद दिलाता है, जिससे व्यापार तनाव फिर से चरम पर पहुंच सकता है।
📱 Apple और Samsung क्यों आए निशाने पर?
दोनों कंपनियां अपने स्मार्टफोन असेंबली के लिए मुख्य रूप से भारत और वियतनाम पर निर्भर हैं:
- Apple अब अपने iPhones का बड़ा हिस्सा भारत में बना रहा है।
- Samsung ने कई वर्षों पहले ही मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स वियतनाम शिफ्ट कर दी थीं।
ट्रंप के इस प्रस्ताव से इन देशों में बनी डिवाइसेज की अमेरिकी बाजार में कीमतें बढ़ेंगी, जिससे दोनों कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता पर असर पड़ेगा।
🌐 ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर
यदि यह टैरिफ लागू होता है, तो दुनियाभर के स्मार्टफोन उत्पादन और वितरण में बड़े बदलाव आ सकते हैं:
📈 अमेरिका में स्मार्टफोनों की कीमतें बढ़ेंगी
- 25% शुल्क से iPhone और Galaxy जैसे फोनों की कीमत में $100 से $300 (₹8000–₹25000) तक की वृद्धि संभव है।
- इससे चीनी कंपनियों जैसे Xiaomi, OnePlus को मौका मिल सकता है।
🔁 उत्पादन रणनीति में बदलाव
- Apple और Samsung को नई जगहों पर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करनी पड़ सकती हैं।
- अमेरिका, मेक्सिको जैसे विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।
🧧 चीनी ब्रांडों को मिल सकता है फायदा
- Xiaomi, Realme और Honor जैसे ब्रांड अमेरिका के बाहर और बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत कर सकते हैं।
- हालांकि ये कंपनियां भी सतर्क हैं, क्योंकि भविष्य में टैरिफ उनका भी पीछा कर सकते हैं।
🏭 क्या Apple और Samsung खुद को ढाल पाएंगे?
🍎 Apple का अमेरिका-निर्माण फोकस
- Apple ने 2026 तक अमेरिका के लिए अधिकांश iPhones को भारत में बनवाने की योजना बनाई है।
- लेकिन अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग की लागत कहीं अधिक है।
🧩 Samsung की फ्लेक्सिबल सप्लाई चेन
- Samsung के पास वैश्विक प्लांट्स की मजबूत श्रृंखला है।
- फिर भी, अमेरिका में जल्दी उत्पादन शुरू करना विकासशील इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल्ड वर्कफोर्स की कमी के चलते चुनौतीपूर्ण होगा।
🌏 टैक्स का असर सिर्फ फोन तक सीमित नहीं है
ट्रंप का यह फैसला व्यापक भू-राजनीतिक सन्दर्भ में भी देखा जा रहा है। ताइवान, चीन और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री से जुड़े कई बड़े मुद्दे अब फिर चर्चा में हैं।
- TSMC जैसे कंपनियों की भूमिका अब और अहम हो गई है।
- AI, 5G और स्मार्टफोन चिप्स जैसे क्षेत्रों में यह नीति लंबे समय में असर डालेगी।
🧾 मुख्य बातें संक्षेप में
- ट्रंप ने स्मार्टफोनों पर 25% आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है।
- इससे Apple और Samsung की भारत और वियतनाम यूनिट्स प्रभावित हो सकती हैं।
- अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए स्मार्टफोन महंगे हो सकते हैं।
- कंपनियों को नई उत्पादन रणनीतियों पर विचार करना होगा।
- यह फैसला ग्लोबल टेक्नोलॉजी पॉलिटिक्स में एक नया मोड़ ला सकता है।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
क्या iPhone और Galaxy फोन महंगे होंगे?
संभवतः हां। टैरिफ लागू होने पर इन फोनों की कीमतें $100–$300 तक बढ़ सकती हैं।
क्या इससे अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा?
हां, यही मकसद है, लेकिन लागत और संसाधन अब भी बड़ी बाधा हैं।
भारत और वियतनाम पर क्या असर पड़ेगा?
इन दोनों देशों में हो रही स्मार्टफोन असेंबली पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, लेकिन दीर्घकाल में अन्य बाजारों से संतुलन बन सकता है।
🧠 निष्कर्ष: अगला कदम किसका?
ट्रंप की यह नीति वैश्विक टेक्नोलॉजी व्यापार के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है। Apple, Samsung, और दूसरे स्मार्टफोन ब्रांड्स को अब तेजी से रणनीति बदलनी होगी। वहीं उपभोक्ताओं को भी इसके असर को अपनी जेब में महसूस करना पड़ सकता है।