बजट 2025: रेंट पर TDS की सीमा बढ़ाई गई, अब ₹6 लाख तक होगा टैक्स कटौती का प्रावधान
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करते हुए रेंट पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। वर्तमान में यह सीमा ₹2.4 लाख थी, जिसे बढ़ाकर अब ₹6 लाख कर दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य छोटे करदाताओं को राहत देना है जो छोटे-छोटे भुगतान प्राप्त करते हैं।
निर्मला सीतारमण ने अपनी बजट स्पीच में कहा, “मैं TDS को सरल बनाने के लिए कर दरों और सीमा राशियों को घटाने का प्रस्ताव करती हूं। इसके साथ ही, टैक्स डिडक्शन की सीमा को स्पष्टता और समानता प्रदान करने के लिए बढ़ाया जाएगा।”

TDS सीमा में वृद्धि का लाभ छोटे करदाताओं को
फाइनेंस मिनिस्टर ने यह भी कहा कि ₹2.4 लाख की वार्षिक सीमा को बढ़ाकर ₹6 लाख किया जा रहा है। इससे उन लेन-देन की संख्या में कमी आएगी जिन पर TDS लागू होता है, और छोटे भुगतान प्राप्त करने वाले करदाताओं को राहत मिलेगी।
बजट दस्तावेज़ के अनुसार, आयकर अधिनियम की धारा 194-I में यह प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति, जो निवासी को किराए के रूप में आय का भुगतान करता है, उसे उस आय पर संबंधित दरों से टैक्स डिडक्शन करना होगा, जब उस किराए की राशि वित्तीय वर्ष में ₹2.4 लाख से अधिक हो।
नए प्रावधान: मासिक सीमा भी बढ़ाई गई
अब इस सीमा को और भी विस्तारित करते हुए प्रस्तावित किया गया है कि किसी भी महीने में या महीने के एक हिस्से में किराए की आय ₹50,000 से अधिक होने पर ही TDS कटेगा। इससे छोटे किराए पर आधारित भुगतान करने वालों को और अधिक सुविधा मिलेगी, जो अब तक छोटे भुगतान के कारण TDS कटौती से बच नहीं पा रहे थे।
यह कदम छोटे करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, क्योंकि इससे न केवल उनके लिए टैक्स कटौती की प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है, बल्कि इससे उनके लेन-देन में भी पारदर्शिता और समानता बढ़ेगी। वित्त मंत्री के इस फैसले से छोटे किराएदारों को सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा, खासकर उन लोगों को जो कम मूल्य पर रेंटल आय प्राप्त करते हैं।
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