BY: Yoganand Shrivastva
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को अमरनाथ यात्रा 2025 को लेकर सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है और इस बार यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। पूरे रूट और बेस कैंपों के चारों ओर तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है।
हर यात्री पर रहेगी नजर, आरएफआईडी और हाई-टेक निगरानी
एलजी सिन्हा ने बताया कि इस बार हर श्रद्धालु को आरएफआईडी ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे उनकी हर मूवमेंट की निगरानी संभव होगी। इसके अलावा यात्रा रूट पर उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
स्वास्थ्य सुविधाओं में हुआ सुधार
उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख बेस कैंपों पर 100 बेड के अस्पतालों की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण और साफ-सफाई के लिए ग्रामीण विकास विभाग को भी पूरी तरह से तैयार रखा गया है।
पहलगाम हमले के बाद यात्रियों में दिखी सतर्कता
पिछले साल पहलगाम में हुए हमले का असर इस बार के पंजीकरण पर भी पड़ा है। एलजी के मुताबिक, पहले जहां 2.36 लाख यात्रियों ने पंजीकरण करवाया था, हमले के बाद इसमें करीब 10% की गिरावट देखी गई। हालांकि, अब फिर से पंजीकरण की संख्या बढ़ने लगी है। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि लोगों का भरोसा बहाल होगा और इस बार यात्रा सफल रहेगी।”
श्रद्धालुओं से सुरक्षा काफिले के साथ यात्रा करने की अपील
मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सुरक्षा काफिलों के साथ ही यात्रा करें, चाहे वे निजी वाहनों से ही क्यों न हों। उन्होंने कहा, “सुरक्षा बलों ने पूरे मार्ग पर मॉक ड्रिल और सुरक्षा तैनाती को अंतिम रूप दे दिया है। कोई भी यात्री अकेले सफर न करे।”
नो-फ्लाई जोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात
1 जुलाई से अमरनाथ यात्रा के रूट को नो-फ्लाई जोन घोषित किया जाएगा। इसके अलावा एंटी-ड्रोन सिस्टम भी पूरी तरह सक्रिय रहेगा, जिससे हवाई खतरों से निपटा जा सके।
सर्वदलीय बैठक और सामाजिक संवाद
उपराज्यपाल सिन्हा आज शाम 5 बजे श्रीनगर में एक सर्वदलीय बैठक करेंगे, जिसमें फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत अन्य प्रमुख नेता शामिल होंगे। इसके अलावा 28 जून को सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों के साथ भी एक अहम बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि सभी वर्गों को विश्वास में लेकर यात्रा को सफल बनाया जा सके।