BY: MOHIT JAIN
तमिलनाडु के करूर में शनिवार शाम एक्टर विजय की रैली के दौरान भयावह भगदड़ मच गई। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बताया कि इस हादसे में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है और 51 लोग ICU में भर्ती हैं। अधिकारियों के अनुसार मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
सीएम स्टालिन ने हादसे के तुरंत बाद ही हाईलेवल मीटिंग बुलाई और मृतकों तथा घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की।
CM स्टालिन ने किया मुआवजे का ऐलान

हादसे के बाद मुख्यमंत्री स्टालिन सीधे अस्पताल पहुंचे, मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायलों से मुलाकात की। उन्होंने कहा:
“राज्य के इतिहास में किसी राजनीतिक रैली में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान नहीं गई। भविष्य में ऐसी त्रासदी कभी नहीं होनी चाहिए।”
स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। इसके अलावा, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया गया है, जो पूरी घटना की रिपोर्ट तैयार करेगी।
भगदड़ कैसे हुई?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रैली शुरू होने से पहले ही भारी भीड़ जमा हो गई थी। विजय मंच पर पहुंचने में कई घंटे की देरी हुई, जिससे लोग और ज्यादा तंग हो गए।
- लोग मंच के पास पहुंचने की कोशिश कर रहे थे।
- धक्का-मुक्की और सांस लेने में दिक्कत के कारण कई लोग बेहोश हो गए।
- प्रशासन ने अनुमानित 30,000 लोगों के आने की बात कही थी, लेकिन वास्तविक संख्या उससे कहीं अधिक थी।
घंटों बिना भोजन और पानी के खड़े थे लोग
तमिलनाडु के प्रभारी DGP जी. वेंकटरमण ने बताया कि रैली की अनुमति दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही जमा होने लगी थी।
“जब विजय शाम 7:40 बजे पहुंचे, तब तक लोग कई घंटों से बिना भोजन और पानी के इंतजार कर रहे थे।”
DGP ने बताया कि पुलिस की भूमिका की प्रशंसा हुई, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं को भीड़ प्रबंधन में जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी। अनुमानित 10,000 लोगों की बजाय रैली में लगभग 27,000 लोग जमा हुए थे। इस दौरान 500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे।
करूर रैली हादसा तमिलनाडु में राजनीतिक कार्यक्रमों में सुरक्षा की गंभीर चुनौती को उजागर करता है। मृतकों और घायलों के परिवारों के लिए मुआवजा और जांच कमेटी का गठन स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।