पुणेः संदिग्ध जीबीएस के मामले लगातार बढ़ रहे है। जिससे आम लोगों में खोफ बना हुआ है। बता दें कि जीबीएस वायरस के अभी तक 59 मामले सामने आ गए है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने इससे निपटने के लिए तैयारी कर ली है। वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। बता दें कि इस वायरस से अभी तक 59 मामले सामने आ चुके है। जिसमें 2 लोगों को वेटिलेंटर पर रखा गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने सतर्क करने की अपील की है।
वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, संदिग्ध मामलों में पुणे ग्रामीण से 33, पुणे से 11 और पिंपरी.चिंचवाड़ नगरपालिका सीमा से 12 मामले शामिल हैं। पड़ोसी जिलों के तीन मरीजों का भी पुणे में इलाज चल रहा है। प्रभावित लोगों में 39 पुरुष और 20 महिलाएं हैं, जबकि 12 मरीज वर्तमान में शहर के विभिन्न अस्पतालों में वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। नए मामलों में पुणे शहर, पिंपरी.चिंचवाड़ और नांदेड़ गांव, नांदोशी, किरकिटवाड़ी, धायरी और खड़कवासला सहित जिले के ग्रामीण इलाकों के मरीज शामिल हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की संयुक्त निदेशक डॉ. बबीता कमलापुरकर ने कहा, राज्य रैपिड रिस्पांस टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और निगरानी शुरू कर दी गई है। मरीजों के मल और रक्त के नमूने परीक्षण के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान पुणे भेजे गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों से पानी के नमूनों का विश्लेषण राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में किया जा रहा है। इसके अतिरिक्तए लोगों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। निजी चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि वे जीबीएस के किसी भी संदिग्ध मामले की सूचना तुरंत स्वास्थ्य अधिकारियों को दें। डॉ. कमलापुरकर ने कहा, घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग निवारक उपायों के साथ तैयार है। अधिकारियों ने पुष्टि की कि प्रकोप का संज्ञान लेते हुएए प्रधानमंत्री कार्यालय ने संभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंडवार के माध्यम से स्थिति के बारे में जानकारी ली। पुलकुंडवार ने अपनी ओर से पीएमओ को प्रकोप को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों से अवगत कराया।
अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश के लिए अभियोजन निदेशालय की स्थापना को मंजूरी…..यह भी पढ़े