Isa Ahmad
REPORT- PRAVEEN PATEL
एसआईटी की जांच में नए तथ्य उजागर, बंदी के बावजूद खदान में चल रहा था अवैध कार्य
ओबरा क्षेत्र के श्री कृष्णा माइनिंग पत्थर खदान में हुए भयावह हादसे को एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन घटना में नामजद मुख्य आरोपित अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच पुलिस ने जांच आगे बढ़ाते हुए एक माइंस मैनेजर और तीन माइंस मेठ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी अभिषेक वर्मा के निर्देश पर बनाई गई एसआईटी टीम ने तफ्तीश तेज कर दी है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों से गहन पूछताछ जारी है, जबकि मुख्य आरोपितों की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
बंदी के बावजूद चलता रहा काम
जांच के दौरान यह बड़ा खुलासा हुआ कि हादसे वाले दिन खदान में बंदी घोषित थी, इसके बावजूद मजदूरों से काम कराया जा रहा था। एसआईटी टीम ने पाया कि गिरफ्तार किए गए चारों आरोपितों की देखरेख में मजदूर बंद खदान में काम कर रहे थे। यही लापरवाही हादसे का मुख्य कारण मानी जा रही है।
जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ अन्य पेटीदार भी अवैध रूप से अपने मजदूरों से काम करा रहे थे, जो घटना के बाद से फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है।
हादसे में सात मजदूरों की मौत
15 नवंबर को ओबरा बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में हुए इस दर्दनाक हादसे में सात मजदूरों की मौत हो गई थी। घटना के बाद से ही जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही है।
गिरफ्तार आरोपितों के नाम
एसपी अभिषेक वर्मा के अनुसार गिरफ्तार किए गए आरोपित हैं-
- अनिल कुमार झा, माइंस मैनेजर, निवासी– इब्राहिमपुर, थाना बहेरा, जनपद दरभंगा (बिहार)
- अजय कुमार, माइंस मेठ, निवासी– बिल्ली पोखरा, ओबरा
- गौरव सिंह, माइंस मेठ, निवासी– वीआईपी रोड, ओबरा
- चंद्रशेखर सिंह, माइंस मेठ, निवासी– अग्रवाल नगर, ओबरा
एसपी का बयान
एसपी अभिषेक वर्मा ने कहा- “एसआईटी को जांच में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। घटना वाले दिन बंदी के बावजूद मजदूरों से काम कराया गया, जिससे हादसा हुआ। चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई तय है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।” मामले की जांच जारी है, और पुलिस का दावा है कि मुख्य आरोपित भी जल्द पुलिस की गिरफ्त में होंगे।





