बॉलीवुड के मशहूर सिंगर शेखर रवजियानी का आज जन्मदिन है। 29 नवंबर 1978 को गुजरात के कच्छ में शेखर का जन्म हुआ था। आज शेखर इंडस्ट्री के मशूहर गायक और कंपोजर है। शेखर और उनके जोड़ीदार विशाल के कई गाने सुपरहिट है। विशाल के बिना शेखर का नाम अधूरा सा लगता है।
शेखर के पिता ने समझा हुनर
शेखर रवजियानी को बचपन से ही संगीत में दिलचस्पी थी। उनके पिता ने बेटे के इस शौक को समझा, बचपन से ही शेखर को गाने के अवसर मिलने लगे। शेखर के पिता ने उन्हें उस्ताद नियाज अहमद खान से संगीत की तालीम दिलाई। इसके बाद शेखर को रियलिटी शो सा रे गा मा पा में जाने का मौका मिला। उन्होंने बतौर प्रतिभागी इस शो में हिस्सा लिया। और यहीं से उनके करियर की भी शुरुआत हो गई। शेखर बेहद हुनरमंद हैं। लेकिन, जब वे विशाल ददलानी के साथ जुड़े तब उन्हें असली पहचान मिली। आज भी लोग विशाल शेखर को एक साथ देखना सुनना पसंद करते हैं। दोनों का नाम एक के बिना अधूरा-अधूरा सा लगता है।
आवाज़ जाने के बाद भी नहीं छोड़ा संघर्ष
हाल ही में सिंगर ने इंस्टाग्राम पर लेटेस्ट पोस्ट शेयर कर फैंस को थोड़ा हैरान कर दिया है। पोस्ट में शेखर ने अपनी जिंदगी से जुड़ी एक घटना का खुलासा किया है। शेखर ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘मैंने आज से पहले कभी इस बारे में बात नहीं की है। आज से 2 साल पहले मेरी आवाज चली गई थी। मेरा परिवार चिंतित था और उन्हें दुखी देखकर मैं भी अच्छा महसूस नहीं कर रहा था। मुझे लग रहा था कि मैं अब के बाद कभी नहीं गा पाऊंगा। हालांकि, मैंने कोशिश करनी बंद नहीं की।’
सिंगर ने आगे लिखा कि, मैं कैलिफोर्निया के सैन डिएगो गया हुआ था। जहां, मुझे डॉ. एरिन वॉल्श के बारे में पता चला। उनकी मदद से मेरी आवाज ठीक हो पाई। कोरोना काल के कारण उन्होंने जूम कॉल पर मेरा इलाज किया। रवजियानी ने आगे बताया, मुझे याद है कि जब मैंने उन्हें बताया मैं फिर से गाना चाहता हूं, तो मेरी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। मैंने उनसे मदद करने की गुजारिश की। पहली बार में उन्होंने मुझे भरोसा दिलवाया कि आवाज जाने में मेरा कोई दोष नहीं है। हमने लंबी बात की और उन्होंने मुझे सहज महसूस कराया। इसके बाद ही मुझे लगा कि मैं फिर से गा सकता हूं।
कुछ हफ्तों में आवाज हो गई थी सही
सिंगर ने पोस्ट में लिखा कि मैंने जितनी बार गाने की कोशिश की। मेरी आवाज काफी फटी हुई लग रही थी। जिसके कारण मुझे अपनी आवाज से नफरत होने लगी। लेकिन उन्होंने मुझे ठीक करने की पूरी कोशिश की। यह प्रक्रिया दोहराते रहने से कुछ हफ्तों के अंदर मेरी आवाज वापिस आ गई थी।