बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस सरकार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को गलत बताया, साथ ही कहा कि यूनुस सरकार चिन्मय दास को तत्काल रिहा करे। बांग्लादेश की कोर्ट के बाहर एक वकील की हत्या पर हसीना ने कहा कि, इस हत्या में शामिल लोगों को जल्द से जल्द ढूंढकर दंडित किया जाना चाहिए। उन्होंने वकील की हत्या में शामिल लोगों को आतंकवादी कहा और बांग्लादेश के लोगों से आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।
शेख हसीना की टिप्पड
अवामी लीग ने शेख हसीना के बयान को एक्स पर पोस्ट किया है। इसमें कहा गया कि ‘सनातन धर्म समुदाय के एक शीर्ष नेता को अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। चटगांव में मंदिरों को जला दिया गया है। अतीत में अहमदिया समुदाय की मस्जिदों, धार्मिक स्थलों, चर्चों, मठों और घरों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई, लूटपाट की गई और आग लगा दी गई। सभी समुदायों के लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।’
हसीना ने यह भी कहा, ‘असंख्य अवामी लीग नेताओं, कार्यकर्ताओं, छात्रों, आम जनता और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सदस्यों की हत्या के बाद, हमलों, मामलों और गिरफ्तारियों के माध्यम से उत्पीड़न जारी है। मैं इन अराजकतावादी कार्रवाइयों की कड़ी निंदा और विरोध करती हूं।’
हिंदुओं पर हिंसा के मामले
बता दें कि, शेख हसीना को पद छोड़ने के बाद बांग्लादेश से भागना पड़ा था। इसी साल 5 अगस्त को वह भारत की राजधानी दिल्ली के पास गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर उतरी थीं। शेख हसीना उसके बाद से ही दिल्ली में किसी अज्ञात स्थान पर रह रही हैं। बांग्लादेश की सत्ता से शेख हसीना के हटने के बाद से ही हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों पर हमले शुरू हो गए थे, जो अभी तक जारी हैं।