सतना में हाल ही में एक मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर हुए कार हादसे ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हादसा 25 जून 2025 को मारुति नगर क्षेत्र में बिरला साइडिंग के पास हुआ, जब एक कार को मालगाड़ी के इंजन ने टक्कर मार दी। सौभाग्य से कार सवार परिवार की जान बच गई, लेकिन हादसे ने रेलवे और इंडस्ट्रियल सुरक्षा में भारी लापरवाही को उजागर कर दिया।
हादसे की पूरी कहानी: कैसे हुई टक्कर?
- यह घटना एक गेटविहीन (मानवविहीन) रेलवे क्रॉसिंग पर घटी।
- कार सवार संजय शुक्ला और उनका परिवार क्रॉसिंग पार कर रहे थे।
- बारिश के चलते कार अचानक बंद हो गई, और तेज रफ्तार से आ रहा मालगाड़ी का इंजन कार से टकरा गया।
- गनीमत रही कि इंजन पायलट की सतर्कता के कारण जान का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
रेलवे की सख्त कार्रवाई: 16 लाख का जुर्माना
रेल प्रशासन ने इस गंभीर लापरवाही पर बिरला कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दोषी ठहराया है। कार्रवाई के तहत कंपनी पर ₹16 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
कारण:
- इंजन डिटेंशन
- सुरक्षा उपायों की भारी कमी
- तीन घटनाओं के बावजूद कोई ठोस कदम न उठाना
यह कोई पहली घटना नहीं थी
इस क्रॉसिंग पर पहले भी हादसे हो चुके हैं:
- 2019: बोलेरो वाहन से टक्कर
- 2024: एक वैन इंजन की चपेट में आई
- 2025: तीसरी घटना जिसमें कार क्षतिग्रस्त हुई
इन तीनों घटनाओं के बावजूद बिरला प्रबंधन ने न तो गेट लगवाया और न ही कोई प्रभावी सुरक्षा उपाय अपनाए।
स्थानीय विरोध और जनदबाव
घटना के अगले ही दिन स्थानीय महिलाओं ने बिरला साइडिंग की ओर जा रहे एक अन्य इंजन को रोककर विरोध जताया। इसके बाद रेलवे ने जांच शुरू की और फिर कार्रवाई की घोषणा की। यह पहला मौका है जब रेलवे ने इस स्तर पर किसी प्राइवेट कंपनी पर इतनी सख्त कार्रवाई की है।
क्यों है यह मामला अहम?
- मानवविहीन रेलवे क्रॉसिंग आज भी देश के कई हिस्सों में बड़ी चुनौती हैं।
- इस हादसे ने दोबारा यह साबित किया कि बिना सुरक्षा उपायों के औद्योगिक गतिविधियां गंभीर खतरा बन सकती हैं।
- रेलवे की यह कार्रवाई न केवल एक चेतावनी है, बल्कि भविष्य के लिए एक मिसाल भी।
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सतना की यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि जब तक उद्योगों और रेलवे दोनों की जिम्मेदारियां तय नहीं होतीं, तब तक आम नागरिकों की जान जोखिम में बनी रहेगी। बिरला पर ₹16 लाख का जुर्माना एक जरूरी कदम है, लेकिन आने वाले समय में मानवविहीन क्रॉसिंग की समाप्ति और मजबूत सुरक्षा व्यवस्था ही असली समाधान होगी।