बॉलीवुड एक्टर और पटौदी खानदान के वारिस सैफ अली खान फिर सुर्खियों में हैं। वजह है उनकी पारिवारिक संपत्ति—भोपाल, सीहोर और रायसेन में स्थित करोड़ों की ज़मीन, जिसे भारत सरकार ने अब “शत्रु संपत्ति” घोषित कर दिया है। गृह मंत्रालय (MHA) की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इन संपत्तियों पर पाकिस्तान कनेक्शन है।
🏛 क्या है पूरा मामला? | Saif Ali Khan Property Pakistan Connection
- सैफ अली खान की ये संपत्तियां पटौदी परिवार के नाम दर्ज हैं।
- 8 मई 2025 को गृह मंत्रालय की Enemy Property Division (CEPI) ने रिपोर्ट सौंपी।
- रिपोर्ट में बताया गया कि नवाब हमीदुल्ला खान की बेटियां आबिदा और आफताब बेगम पाकिस्तान की नागरिक थीं।
- इनके नाम दर्ज संपत्ति को अब “शत्रु संपत्ति” घोषित किया गया है।
📌 कौन कर रहा है जांच?
समाजसेवी अमिताभ अग्निहोत्री की शिकायत के बाद CEPI ने जांच शुरू की। अग्निहोत्री का दावा है कि नवाब परिवार को 1949 के मर्जर एग्रीमेंट की मूल प्रति प्रस्तुत करनी चाहिए, अन्यथा संपत्ति राजसात होनी चाहिए।
📍 किन-किन स्थानों पर हैं ये संपत्तियां?
स्थान | ज़िला | अनुमानित मूल्य |
---|---|---|
भोपाल | भोपाल | करोड़ों में |
सीहोर | सीहोर | करोड़ों में |
रायसेन | रायसेन | करोड़ों में |
इनमें से कई संपत्तियां भोपाल की हाईकोर्ट रिपोर्ट के अनुसार नवाब परिवार के नाम पर लगभग 550 एकड़ भूमि हैं, जिन्हें “पर्सनल प्रॉपर्टी” नहीं माना गया।
⚖️ क्या होती है शत्रु संपत्ति? | What Is Enemy Property?
शत्रु संपत्ति वह संपत्ति होती है जो पाकिस्तान या चीन चले गए नागरिकों की भारत में बची होती है। 1968 के Enemy Property Act के तहत:
- ऐसी संपत्ति CEPI (Custodian of Enemy Property for India) के नियंत्रण में होती है।
- मालिक या उसके उत्तराधिकारी संपत्ति पर दावा नहीं कर सकते, चाहे उन्होंने भारत की नागरिकता क्यों न ले ली हो।
- 2017 में संशोधन के बाद, भारत में रह रहे उत्तराधिकारियों को भी इस पर कोई हक नहीं मिलता।
📊 भारत में कितनी हैं ऐसी शत्रु संपत्तियां?
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार:
- भारत में कुल 12,983 Enemy Properties मौजूद हैं।
- सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश (5,688) और पश्चिम बंगाल (4,354) में हैं।
- CEPI के अनुसार ये सभी संपत्तियां भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील मानी जाती हैं।
📽️ क्या इससे सैफ अली खान पर कानूनी असर पड़ेगा?
फिलहाल सैफ अली खान ने इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। लेकिन कानूनी रूप से, अगर संपत्ति शत्रु घोषित हो गई है:
- वह व्यक्तिगत उपयोग, बिक्री या ट्रांसफर के लिए उपलब्ध नहीं रहेगी।
- सरकार इसे लीज़ पर दे सकती है या नीलामी कर सकती है।
✅ निष्कर्ष: विरासत बनाम कानूनी सच्चाई
पटौदी खानदान की विरासत अब कानूनी पेचीदगियों के घेरे में आ गई है। भारत सरकार द्वारा घोषित यह कार्यवाही सैफ अली खान के लिए व्यक्तिगत रूप से भले ही झटका हो, लेकिन राष्ट्रीय हित और Enemy Property कानून की दृष्टि से यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।