रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूस अब युद्ध विराम के लिए पहले से कहीं ज्यादा इच्छुक दिखाई दे रहा है। हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि यूक्रेन और अमेरिका को किसी भी तरह की संभावित डील में मॉस्को के बहकावे में नहीं आना चाहिए।
जेलेंस्की का बयान
जेलेंस्की ने स्पष्ट किया,
- “यूक्रेन अपनी स्वतंत्रता की रक्षा जारी रखेगा।”
- “हमें एक स्थायी और विश्वसनीय शांति की जरूरत है।”
- “रूस को उस युद्ध को खत्म करना होगा, जिसे उसने खुद शुरू किया है।”
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब रूस की ओर से हमलों में तेज़ी आई है।
ट्रंप के दूत की पुतिन से मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जानकारी दी कि उनके विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की है।
- ट्रंप ने कहा कि इस बैठक में “काफी प्रगति” हुई है, हालांकि उन्होंने अधिक जानकारी साझा नहीं की।
- बैठक के बाद जेलेंस्की ने ट्रंप और यूरोपीय सहयोगियों से भी बातचीत की।
Right on my way from our brigades here in Sumy region, I spoke with President Trump. This conversation happened after President Trump's representative, Steve Witkoff, visited Moscow.
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) August 6, 2025
Our joint position with our partners is absolutely clear – the war must end. And it must be done… pic.twitter.com/NOxZPAdSr2
रूस के हमले जारी
जेलेंस्की के बयान से ठीक पहले रूस ने यूक्रेन के दक्षिणी जापोरिज्जिया क्षेत्र में हमला किया।
- हमले में 2 लोगों की मौत और 12 लोग घायल हुए।
- जेलेंस्की ने कहा, “यह केवल डराने-धमकाने के लिए की जाने वाली क्रूरता है।”
विदेशी भाड़े के सैनिकों पर बड़ा दावा
हाल ही में जेलेंस्की ने एक और सनसनीखेज दावा किया था। उन्होंने कहा था कि:
- रूस की ओर से पाकिस्तानी सैनिक भी इस युद्ध में शामिल हो रहे हैं।
- इसके अलावा चीन, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और अफ्रीकी देशों से भी भाड़े के सैनिकों की भागीदारी हो रही है।
- उन्होंने चेतावनी दी कि यूक्रेन इसका कड़ा जवाब देगा।
जेलेंस्की का यह ताजा बयान रूस-यूक्रेन युद्ध की बदलती दिशा की ओर इशारा करता है। एक तरफ जहां रूस युद्धविराम के लिए इच्छुक दिख रहा है, वहीं दूसरी तरफ हमले तेज हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में शांति वार्ता की दिशा क्या होगी।