प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिजनेसमैन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को एक बार फिर समन भेजा है। यह समन भगोड़े हथियार कारोबारी संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर भेजा गया है।
इस केस में वाड्रा की कथित भूमिका की जांच की जा रही है, जिसमें संजय भंडारी पर कई गंभीर आरोप लगे हैं।
कौन हैं संजय भंडारी और क्या हैं आरोप?
संजय भंडारी एक पूर्व रक्षा डीलर हैं, जो 2016 में भारत से फरार हो गया था। वर्तमान में वह यूनाइटेड किंगडम में रह रहा है। भंडारी पर लगे मुख्य आरोप इस प्रकार हैं:
- विदेशों में अवैध संपत्ति छिपाने का आरोप
- रिश्वतखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग
- भारतीय कानूनों जैसे:
- प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA)
- ब्लैक मनी एक्ट
- ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन
ईडी के मुताबिक, भंडारी भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रत्यर्पण प्रक्रिया का भी विरोध कर रहा है।
रॉबर्ट वाड्रा की भूमिका पर शक क्यों?
ईडी के सूत्रों के अनुसार, भंडारी और रॉबर्ट वाड्रा के बीच करीबी रिश्तों को लेकर जांच हो रही है। वाड्रा से पूछताछ का मकसद:
- उनकी भूमिका को स्पष्ट करना
- पैसे के लेन-देन या संपत्ति के संबंधों को समझना
- मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी किसी भी हिस्सेदारी की जांच करना
ईडी का मानना है कि वाड्रा इस केस के कई जरूरी पहलुओं पर रोशनी डाल सकते हैं।
पिलाटस डील में रिश्वत और संपत्ति खरीद का खुलासा
ईडी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार:
- भंडारी की दुबई बेस्ड कंपनी, ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस FZC को पिलाटस डील के तहत करीब 310 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत मिली।
- इन पैसों का इस्तेमाल दुबई और लंदन में महंगी संपत्तियों की खरीद में किया गया।
- ईडी ने:
- 150 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाया
- भारत में 26 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की
- इस मामले में एक चार्जशीट दाखिल की
क्या वाड्रा की मुश्किलें बढ़ेंगी?
इस समन से यह साफ है कि रॉबर्ट वाड्रा की कानूनी मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं। यदि जांच में उनकी भूमिका स्पष्ट होती है, तो भविष्य में और भी कार्रवाई हो सकती है।