रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने आईपीएल 2025 का खिताब जीतकर 18 साल का लंबा इंतजार खत्म किया, लेकिन इस जीत का जश्न एक बड़े हादसे में तब्दील हो गया। बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आयोजित विक्ट्री परेड के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
हादसे की वजह: भारी भीड़ और अव्यवस्था
- हजारों की संख्या में RCB फैंस स्टेडियम के बाहर जमा थे, जहां टीम का स्वागत समारोह आयोजित था।
- फैंस अपने पसंदीदा खिलाड़ियों की एक झलक पाने को बेताब थे, जिससे भीड़ का दबाव असामान्य रूप से बढ़ गया।
- पुलिस प्रशासन स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पाया और भीड़ में अफरा-तफरी फैल गई, जिसके कारण भगदड़ हो गई।
सचिन तेंदुलकर ने जताया शोक
भारतीय क्रिकेट के लीजेंड सचिन तेंदुलकर ने इस दुखद घटना पर एक्स (पूर्व ट्विटर) पर संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा:
“बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में जो कुछ हुआ, वह बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएं हर प्रभावित परिवार के साथ हैं। सभी के लिए शांति की कामना करता हूं।”
अन्य दिग्गजों की प्रतिक्रिया
हरभजन सिंह
पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने लिखा:
“यह खबर दिल तोड़ने वाली है। क्रिकेट के इस जश्न ने कई परिवारों को गम में डुबो दिया है। इस हादसे ने उस खेल की भावना को आहत किया है, जो हमारे देश को जोड़ती है।”
उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।
मनोज तिवारी
पूर्व बल्लेबाज और राजनेता मनोज तिवारी ने कहा:
“खुशी एक त्रासदी में बदल गई। RCB फैंस का अभूतपूर्व जश्न एक दर्दनाक अध्याय में बदल गया। बेंगलुरु के क्रिकेट फैंस का जुनून हमेशा प्रेरणादायक रहा है, लेकिन यह घटना व्यक्तिगत रूप से झकझोर देने वाली है।”
फैंस के जुनून ने लिया भयावह रूप
RCB की ऐतिहासिक जीत पूरे देश के लिए एक बड़ा पल थी, लेकिन इस हादसे ने जश्न के माहौल को गहरे दुख में बदल दिया। यह घटना न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता को भी उजागर करती है।
जीत की खुशी से गम तक का सफर
RCB की पहली IPL ट्रॉफी का उत्सव इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया, लेकिन अफसोस के साथ। यह घटना याद दिलाती है कि खुशी का जश्न भी तब तक ही अच्छा है जब तक वह सुरक्षित हो। भारत का क्रिकेट जगत इस हादसे से स्तब्ध है, और सभी की नजर अब पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता पर है।