रिपोर्टर: विष्णु गौतम
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 7 जुलाई को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचेंगे। वे यहां आयोजित “किसान, जवान, संविधान जनसभा” को संबोधित करेंगे। इस ऐतिहासिक दौरे की तैयारियों को लेकर दुर्ग में एक अहम बैठक आयोजित की गई।
दुर्ग में कांग्रेस पदाधिकारियों की रणनीतिक बैठक
पूर्व कैबिनेट मंत्री और दुर्ग जिला कार्यक्रम प्रभारी रविंद्र चौबे ने इस बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पूर्व विधायक अरुण वोरा, कांग्रेस जिला अध्यक्ष, और अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य 7 जुलाई को होने वाली जनसभा की रणनीति और ज़मीनी तैयारी को अंतिम रूप देना था। चौबे ने सभी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि जनसभा में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित की जाए।
केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर बरसे चौबे
रविंद्र चौबे ने अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकारों पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा:
“छत्तीसगढ़ में किसान और जवान सबसे अधिक परेशान हैं। सरकारें सिर्फ वादे करती हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और है।”
उन्होंने कृषि क्षेत्र में डीएपी खाद की भारी कमी को गंभीर समस्या बताया और सरकार की नीतियों को जनविरोधी और उपेक्षात्मक करार दिया।
संविधान और समानता पर उठाए सवाल
संविधान के मुद्दे पर चर्चा करते हुए चौबे ने मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री द्वारा सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का उल्लेख किया। उन्होंने कहा:
“अगर संविधान में सभी बराबर हैं, तो ऐसे बयानों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे साफ है कि सरकार संविधान की भावना के साथ खिलवाड़ कर रही है।”
भाजपा के चिंतन शिविर पर किया व्यंग्य
भाजपा द्वारा मैनपाट में आयोजित चिंतन शिविर को लेकर भी चौबे ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा:
“भाजपा अपने सांसदों और विधायकों को टिप्स दे रही है, क्योंकि वे खुद मान चुके हैं कि उनके जनप्रतिनिधि जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं।”