BY: गोड्डा ब्यूरो
गिरिडीह – राज्य सरकार द्वारा झारखंड को नशा मुक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को विश्वास खानी पंचायत के उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय, विश्वास खानी में नशा मुक्ति को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया। विद्यालय परिसर से एक प्रभात फेरी निकाली गई, जिसमें सैकड़ों छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और स्थानीय युवाओं ने भाग लेकर मादक पदार्थों के खिलाफ अपनी एकजुटता प्रकट की।
“नशा छोड़ो – जीवन से जोड़ो” की गूंज
प्रभात फेरी विद्यालय से शुरू होकर विश्वास खानी गांव की गलियों से गुजरी। इस दौरान “मादक पदार्थों को ना कहें”, “नशा से दूरी, जीवन में खुशहाली” जैसे नारों से माहौल गूंज उठा। छात्रों ने हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर लोगों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया।
नशे की लत नहीं, यह भविष्य का विनाश है
अभियान के दौरान विद्यालय में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों को नशे से जुड़ी बीमारियों और सामाजिक हानि के बारे में विस्तार से बताया गया। शिक्षकों ने नशे को सिर्फ एक लत नहीं, बल्कि एक ‘भविष्य का हत्यारा’ करार दिया।
सभी छात्रों और प्रतिभागियों को नशा से दूर रहने का संकल्प भी दिलाया गया।
प्रमुख लोग रहे मौजूद
इस जागरूकता कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाध्यापक अब्दुल जब्बार, सहायक शिक्षक राजेंद्र दास, प्रशांत सिंह, जहांगीर आलम, मुख्तार, दिलीप पंडित, प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अनूप लाल सिंह, और समाजसेवी विवेकानंद भगत प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
नशा मुक्ति के लिए सामाजिक भागीदारी जरूरी
समाजसेवी और शिक्षकों ने अपने वक्तव्यों में यह स्पष्ट किया कि नशा के खिलाफ लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे खुद को, अपने दोस्तों और परिवार को इस बुराई से दूर रखें।