
Mohit Jain
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण 26 से 28 अक्टूबर तक कुआलालंपुर, मलेशिया में आयोजित होने वाले आसियान शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे। इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर इन बैठकों में प्रतिनिधित्व करेंगे। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी डिजिटल माध्यम से सम्मेलन में शामिल हो सकते हैं।
भारत ने मलेशिया को दी सूचना

आसियान (दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी के स्तर पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। सूत्रों के अनुसार, भारत ने मलेशिया को सूचित कर दिया है कि एस जयशंकर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
अमेरिका और अन्य देशों की भागीदारी
मलेशिया ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और आसियान के कई संवाद साझेदार देशों के नेताओं को भी आमंत्रित किया है। ट्रंप 26 अक्टूबर को दो दिवसीय यात्रा पर कुआलालंपुर पहुंचेंगे।
आसियान-भारत संबंध
आसियान-भारत संवाद 1992 में क्षेत्रीय साझेदारी के रूप में शुरू हुआ था। दिसंबर 1995 में इसे पूर्ण संवाद साझेदारी का दर्जा मिला और 2002 में शिखर सम्मेलन स्तर की साझेदारी में परिवर्तित किया गया। 2012 में इसे रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया गया।
आसियान के 10 सदस्य देश
इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमा और कंबोडिया।

पीएम मोदी की प्रस्तावित यात्रा स्थगित
शुरुआती योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी की मलेशिया के साथ-साथ कंबोडिया यात्रा पर भी विचार किया गया था। चूंकि पीएम मोदी मलेशिया नहीं जा रहे हैं, इसलिए कंबोडिया की प्रस्तावित यात्रा भी स्थगित कर दी गई है।
इस बार आसियान शिखर सम्मेलन में भारत का नेतृत्व डिजिटल माध्यम और विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा किया जाएगा। पीएम मोदी की गैर-उपस्थिति के बावजूद भारत की भागीदारी मजबूत बनी रहेगी और द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा जारी रहेगी।