BY: Yoganand Shrivastva
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भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य तनाव के बीच, भारतीय सेना ने सोमवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया — “हम जब चाहें, जहां चाहें हमला कर सकते हैं।”
यह बयान उस समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच संभावित बातचीत स्थगित कर दी गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने देश को ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति और परिणामों की जानकारी दी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कौन-कौन रहे मौजूद?
प्रेस को संबोधित करने वाले सैन्य अधिकारी:
- एयर मार्शल एके भारती (भारतीय वायुसेना)
- लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई (डीजीएमओ – भारतीय सेना)
- वाइस एडमिरल एएन प्रमोद (भारतीय नौसेना)
- मेजर जनरल एसएस शारदा (समन्वय अधिकारी)
एयर मार्शल एके भारती: आतंक के ढांचे को किया ध्वस्त
एयर मार्शल भारती ने बताया कि:
- PoK और पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया गया।
- 7 मई को केवल टेरर कैंप्स को निशाना बनाया गया, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ देकर खुद को युद्ध में घसीट लिया।
- नूर खान और रहीमयार खान एयरबेस पर हुए हमलों की तस्वीरें प्रेस में प्रस्तुत की गईं, जिनमें सटीकता और गहनता स्पष्ट दिखी।
एयर डिफेंस की सफलता:
- ड्रोन, चाइनीज़ PL मिसाइल, लॉन्ग रेंज रॉकेट और UAV जैसे लक्ष्यों को कम से कम नुकसान के साथ निष्क्रिय किया गया।
- भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने दुश्मन के हर प्रयास को विफल किया।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई: ‘आपके पाप का घड़ा पहलगाम में फूटा’
डीजीएमओ राजीव घई ने कहा:
- आतंकियों द्वारा आम नागरिकों और धार्मिक यात्रियों पर बार-बार हमले किए गए (जैसे 2024 में जम्मू और 2025 में पहलगाम)।
- ऑपरेशन सिंदूर की प्लानिंग और एक्ज़ीक्यूशन इंटरनेशनल बाउंड्री पार किए बिना की गई।
- मल्टी-लेयर डिफेंस सिस्टम की वजह से पाकिस्तान वायुसेना हमारे एयरफील्ड्स या इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट नहीं कर पाई।
सफल जवाबी कार्रवाई:
- बचे-कुचे पाकिस्तानी ड्रोन को BSF और सेना ने मिलकर शोल्डर-फायर हथियारों से मार गिराया।
- सेना ने बताया कि हर मिलिट्री इंस्टॉलेशन पूरी तरह ऑपरेशनल है और अगली कार्रवाई के लिए तैयार है।
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद: पाकिस्तान की हर हरकत पर नज़र
वाइस एडमिरल प्रमोद ने बताया कि:
- नौसेना की सर्विलांस प्रणाली पूरी तरह एक्टिव थी।
- भारतीय एयरक्राफ्ट्स लगातार हवाई निगरानी कर रहे थे।
- दुश्मन के किसी भी एयरक्राफ्ट को नेवी के कैरियर बैटल ग्रुप के 100 किलोमीटर के भीतर नहीं आने दिया गया।