भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने एक अहम खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने एक नहीं, बल्कि तीन दुश्मनों से मुकाबला किया—पाकिस्तान, चीन और तुर्किए।
यह बयान उन्होंने नई दिल्ली में ‘न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज’ इवेंट के दौरान दिया, जिसे फिक्की (FICCI) ने आयोजित किया था।
चीन और तुर्किए का पाकिस्तान को समर्थन
लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने कहा:
- चीन ने पाकिस्तान को लाइव मिलिट्री डेटा मुहैया कराया।
- उसने भारत के सैन्य मूवमेंट की रीयल टाइम जानकारी पाकिस्तान के साथ साझा की।
- चीन ने भारत को “हथियारों की प्रयोगशाला” की तरह इस्तेमाल किया, ताकि अपने हथियारों की टेस्टिंग कर सके।
- यह रणनीति चीन की पारंपरिक सैन्य रणनीति “36 Stratagems” में से एक है, जिसे ‘किराए की छुरी से वार करना’ कहा जाता है।
- तुर्किए ने पाकिस्तान को बैरकटर और अन्य ड्रोन दिए, जिनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया गया।
ऑपरेशन सिंदूर से मिले अहम सबक
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने हमें आधुनिक युद्ध के कई महत्वपूर्ण पहलू सिखाए। उन्होंने कहा:
“अब हम पिछली तरह का दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमें तेज और सटीक रणनीति अपनानी होगी।”
टारगेटिंग और डेटा आधारित रणनीति
- ऑपरेशन के दौरान 21 टारगेट की पहचान की गई थी, जिनमें से आखिरी समय में 9 को चुना गया।
- रणनीति पूरी तरह डेटा-ड्रिवन थी, जिससे ह्यूमन एरर को कम किया जा सके।
एयर डिफेंस की अहम भूमिका
ऑपरेशन सिंदूर में एयर डिफेंस की भूमिका बेहद अहम रही। हालांकि इस बार दुश्मन ने पॉपुलेशन सेंटर को निशाना नहीं बनाया, लेकिन भविष्य में इस खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता।
अगली तैयारी के लिए सुझाव
- हमें एयर डिफेंस सिस्टम,
- काउंटर-रॉकेट,
- आर्टिलरी-रोधी तकनीक
- और एंटी-ड्रोन सिस्टम
जैसे उपायों पर फोकस करना होगा।
इज़राइल से सीख लेने की जरूरत
- उन्होंने इज़राइल के “आयरन डोम” जैसे सिस्टम का उदाहरण दिया।
- भारत के विशाल आकार और सीमित संसाधनों को देखते हुए ऐसी तकनीकों में भारी निवेश की जरूरत है।
भारतीय सेना में ड्रोन की मांग बढ़ी
- डिप्टी आर्मी चीफ के अनुसार, भारतीय सेना सितंबर-अक्टूबर 2025 तक ड्रोन फ्रेमवर्क जारी करेगी।
- अभी भी भारत को कई सीक्रेट तकनीकें, इंजन और कंपोनेंट्स बाहर से मंगाने पड़ते हैं।
- इस क्षेत्र में घरेलू उत्पादन और निवेश को बढ़ावा देना समय की मांग है।
ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले का करारा जवाब
- 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट्स मारे गए थे।
- इसके जवाब में 7 मई को भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की।
- इस अभियान में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया।
- 10 मई की शाम 5 बजे से भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बनी।
आधुनिक युद्ध की नई चुनौती
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को यह एहसास दिलाया कि आज के युद्ध केवल सीमा तक सीमित नहीं हैं।
तकनीकी साझेदारी, डेटा वॉरफेयर और ड्रोन टेक्नोलॉजी युद्ध के नए आयाम बन चुके हैं।
अब भारत को तेज, डेटा-संचालित और स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने पर फोकस करना होगा।