नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में नया इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पेश किया है। इस बिल के तहत अवैध रूप से भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। नए कानून के लागू होने के बाद इमिग्रेशन और विदेशी नागरिकों से जुड़े चार पुराने कानून समाप्त कर दिए जाएंगे, जिससे घुसपैठियों पर शिकंजा कसना आसान होगा।
कौन-कौन से पुराने कानून होंगे खत्म?
इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 के तहत सरकार चार पुराने कानूनों को समाप्त करेगी:
- फॉरेनर्स एक्ट, 1946
- पासपोर्ट एक्ट, 1920
- रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट, 1939
- इमिग्रेशन एक्ट, 2000
क्या प्रावधान हैं नए बिल में?
- देश की सुरक्षा होगी प्राथमिकता
नए बिल में विदेशी नागरिकों के प्रवेश और निवास को सख्त नियमों के तहत लाने का प्रस्ताव है। यदि कोई व्यक्ति देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनता है, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में रहता है या अवैध रूप से नागरिकता हासिल करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - विदेशी नागरिकों की एंट्री पर सख्ती
यदि किसी विदेशी नागरिक का प्रवेश भारत के अन्य देशों के साथ संबंधों को प्रभावित कर सकता है, तो उसे भारत में घुसने से रोका जाएगा। - इमिग्रेशन अधिकारी का फैसला होगा अंतिम
इस कानून के तहत इमिग्रेशन अधिकारी को विशेष अधिकार दिए जाएंगे, और उनका निर्णय अंतिम माना जाएगा।
नए कानून में क्या होगी सजा?
- बिना वैध पासपोर्ट या दस्तावेज के प्रवेश करने पर
- 5 साल तक की जेल या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों।
- जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने पर
- 2 से 7 साल तक की कैद और 1 लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना।
पहले क्या थी समस्या?
पहले सरकार के पास विदेशी नागरिकों के प्रवेश को रोकने के अधिकार थे, लेकिन किसी कानून में इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं था, जिससे कई बार दिक्कतें आती थीं। नए कानून में इन खामियों को दूर कर दिया गया है, जिससे अब अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों पर कानूनी शिकंजा कसा जा सकेगा।
इस बिल के लागू होने के बाद अवैध घुसपैठियों को देश से बाहर निकालना आसान हो जाएगा और भारत की सुरक्षा को मजबूत किया जा सकेगा।
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