उत्तर प्रदेश के नोएडा में साइबर अपराधियों ने ठगी की एक बेहद चौंकाने वाली वारदात को अंजाम दिया है। ठगों ने दो बुजुर्गों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ के बहाने फंसाया और उनसे लगभग 4 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। इन मामलों में पीड़ितों में एक महिला वकील और एक रिटायर्ड बुजुर्ग शामिल हैं।
क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट’?
‘डिजिटल अरेस्ट’ एक साइबर ठगी का नया तरीका है, जिसमें ठग पीड़ित को फर्जी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के नाम से कॉल कर डराते हैं। उन्हें बताया जाता है कि उनका नाम किसी गंभीर अपराध में शामिल है और इस वजह से उन्हें ऑनलाइन निगरानी में रखा जा रहा है। इसी डर में पीड़ित ठगों की बातों में आ जाते हैं और अपनी रकम ट्रांसफर कर देते हैं।
मामला 1: महिला वकील से 3.29 करोड़ रुपये की ठगी
- पीड़िता का नाम: हेमंतिका वाही (72 वर्ष)
- स्थान: नोएडा, थाना साइबर अपराध
- घटना की शुरुआत: 10 जून को एक अज्ञात कॉल से
- ठगी का तरीका:
- कॉलर ने कहा कि उनके आधार कार्ड से चार फर्जी बैंक अकाउंट खोले गए हैं।
- इन खातों से अवैध गतिविधियां जैसे जुआ, हथियार खरीद, ब्लैकमेलिंग हो रही है।
- फर्जी पुलिस स्टेशन से कॉल कर डराया गया।
- बैंक डिटेल्स लेकर उनसे ₹3.29 करोड़ की ठगी कर ली गई।
मामला 2: रिटायर्ड बुजुर्ग से 49.5 लाख की ठगी
- पीड़ित का नाम: राजीव कुमार (75 वर्ष)
- निवास: सेक्टर-29, नोएडा
- घटना की शुरुआत: 18 जून को लैंडलाइन पर कॉल से
- ठगी का तरीका:
- कॉलर ने कहा कि आधार और फोन नंबर से चार बैंक खाते खोले गए हैं।
- इन खातों से मादक पदार्थ तस्करी, आतंकी फंडिंग जैसी गतिविधियों के आरोप लगाए गए।
- पीड़ित को धमकाया गया कि फोन नंबर बंद हो जाएगा और उन्हें जेल हो सकती है।
- ठगों ने उन्हें 12 दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा।
- इस दौरान गोपनीयता के नाम पर पत्नी और बच्चों को न बताने की धमकी दी।
- तीन बार में कुल ₹49.5 लाख अपने खातों में ट्रांसफर करवाए।
पुलिस की कार्रवाई
नोएडा साइबर क्राइम सेल ने दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर ली है।
पुलिस उपायुक्त प्रीति यादव ने बताया कि आरोपी अभी फरार हैं और पुलिस टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं।
आपकी सुरक्षा के लिए जरूरी सुझाव:
- कभी भी किसी अनजान नंबर से आई कॉल पर बैंक या आधार संबंधी जानकारी न दें।
- कोई व्यक्ति अगर खुद को पुलिस, CBI या साइबर अधिकारी बताकर डराने की कोशिश करे, तो तुरंत स्थानीय थाने में संपर्क करें।
- किसी भी परिस्थिति में डर के कारण पैसे ट्रांसफर न करें।
- अपनी फैमिली के सदस्यों को ऐसी संभावित ठगी के बारे में जागरूक करें।
नोएडा की यह घटना साइबर अपराधियों की बढ़ती चतुराई और लोगों की भावनात्मक कमजोरी को दर्शाती है। ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे हथकंडे से बुजुर्गों को शिकार बनाया जा रहा है। ऐसे में जागरूक रहना और समय रहते उचित कदम उठाना बेहद जरूरी है।