भारतीय रेलवे के आधुनिक और तेज़ वंदे भारत ट्रेनों के रख-रखाव और संचालन को और बेहतर बनाने के लिए निशातपुरा रेल कोच फैक्ट्री के पास एक नई सुविधा स्थापित की जा रही है। इस परियोजना पर लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह केंद्र न केवल मेंटेनेंस का काम करेगा, बल्कि रेलवे कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए भी समर्पित होगा।
निशातपुरा में बनाए जाने वाला मेंटेनेंस और ट्रेनिंग सेंटर
निशातपुरा रेल कोच फैक्ट्री, जो भोपाल जंक्शन के नजदीक स्थित है, यहां एक बहु-क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र का हिस्सा बनेगा। इस केंद्र में वंदे भारत ट्रेनों का मेंटेनेंस करने की क्षमता होगी, जो लगभग 10 ट्रेनों के लिए सेवा प्रदान कर सकेगा।
मुख्य विशेषताएं:
- आधुनिक लैबोरेटरी और सिमुलेशन सिस्टम
- तकनीकी और संचालन संबंधित प्रशिक्षण
- होस्टल, कैफेटेरिया, प्रशासनिक भवन
- पुस्तकालय, कंप्यूटर केंद्र, ऑडिटोरियम, मेडिकल रूम
रेलवे कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
यह केंद्र लोको पायलट, गार्ड, स्टेशन मैनेजर, सिग्नल सिस्टम, टेलीकॉम, इंजीनियरिंग, अकाउंट्स, स्टोर मैनेजमेंट, ट्रैफिक कंट्रोल जैसे विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग प्रदान करेगा।
प्रशिक्षण में निम्नलिखित विषय शामिल होंगे:
- वंदे भारत ट्रेन के संचालन और रखरखाव के तकनीकी पहलू
- सुरक्षा प्रोटोकॉल और इमरजेंसी प्रबंधन
- उन्नत डायग्नोस्टिक उपकरणों का उपयोग
परियोजना की महत्ता और भविष्य की दिशा
निशातपुरा में इस ट्रेनिंग और मेंटेनेंस सेंटर के बनने से न केवल वंदे भारत ट्रेनों की विश्वसनीयता बढ़ेगी, बल्कि भारतीय रेलवे के स्टाफ का कौशल स्तर भी बढ़ेगा। यह परियोजना रेलवे के आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों के अनुरूप है।
भोपाल डिविजन के पीआरओ, नवल अग्रवाल के अनुसार, टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी होने वाली है और उसके बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
निष्कर्ष
निशातपुरा में 150 करोड़ रुपये की इस महत्वपूर्ण निवेश से भारतीय रेलवे का संचालन और तकनीकी दक्षता एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगी। यह केंद्र देश भर के रेलवे कर्मियों के लिए प्रशिक्षण का प्रमुख हब बनेगा और वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव में सुधार लाएगा।