सरकार की जनहितैषी नीतियों के बावजूद भी लगातार नक्सली गतिविधियां जारी है। सरकार की कोशिश है नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ा जाए, अथवा किसी प्रकार नक्सलवाद को समाप्त किया जाए। इसी क्रम में दंतेवाड़ा, जगदलपुर और कोंडागांव जिलों की और STF की संयुक्त टीम ने 3 जनवरी 2025 को अबूझमाड़ में नक्सल विरोधी अभियान की शुरुआत की। जिसके बाद 4 जनवरी 2025 की शाम से सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। इस मुठभेड़ में दंतेवाड़ा DRG के प्रधान आरक्षक सन्नू कारम शहीद हो गए। अभियान के दौरान अब तक चार वर्दीधारी नक्सलियों के शव, AK 47 और SLR जैसे आटोमैटिक हथियार बरामद हुए हैं। सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है।
2 दिन पहले से शुरू हुआ अभियान
3 जनवरी 2025 को नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू हुआ। पुलिस की कई टीमें अबूझमाड़ के जंगलों में गईं। अगले दिन शाम को, पुलिस और नक्सलियों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। यह गोलीबारी रुक-रुक कर अभी भी चल रही है। इस मुठभेड़ में एक जवान के शहीद होने की खबर है। चार नक्सलियों के शव भी मिले हैं। तलाशी में पुलिस को AK 47 और SLR जैसे खतरनाक हथियार भी मिले हैं। अभी भी जंगल में सर्च ऑपरेशन चल रहा है।
दुर्गम इलाके में हुई मुठभेड़
यह मुठभेड़ दक्षिण अबूझमाड़ के जंगलों में हुई, जो दुर्गम इलाका है। माओवादी इस इलाके में छिपकर रहते हैं और हमले करते हैं। सुरक्षाबल लगातार इस क्षेत्र में अभियान चला रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक माओवादियों का सफाया करने का वादा किया है
2024 में 219 माओवादी मरे, 18 जवान शहीद
पिछले साल बस्तर क्षेत्र में 219 माओवादी मारे गए थे। इनमें से 217 बस्तर संभाग के थे। बस्तर संभाग में बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव और सुकमा जिले आते हैं। 800 से ज्यादा माओवादियों को गिरफ्तार किया गया। लगभग 802 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। 2024 में माओवादियों से लड़ते हुए लगभग 18 सुरक्षाकर्मियों ने जान गंवाई। माओवादी हिंसा में 65 नागरिक मारे गए।