BY: Yoganand Shrivastva
महाराष्ट्र के नागपुर में क्राइम ब्रांच की टीम ने बेसा रोड स्थित एक होटल में गोपनीय सूचना के आधार पर छापा मारकर सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस रैकेट को कोई और नहीं बल्कि पिता-पुत्र की जोड़ी—सचिन गंगाधर टुले (47) और प्रज्वल सचिन टुले (22)—संचालित कर रही थी। पुलिस ने मौके से दो पीड़ित महिलाओं को भी छुड़ाया है।
होटल की आड़ में चल रहा था देह व्यापार
करीब तीन साल पहले दोनों आरोपियों ने बेसा रोड पर यह होटल शुरू किया था। शुरूआत में यह होटल एक आम ठहरने की जगह जैसा नजर आता था, लेकिन आंतरिक रूप से यह सेक्स रैकेट का केंद्र बन चुका था। आरोपी गरीब और मजबूर महिलाओं को फुसलाकर होटल में बुलाते, फिर उन्हें ग्राहकों के हवाले कर देते थे।
ग्राहकों से 5,000 रुपये वसूले जाते थे, जिसमें से 1,500 रुपये पीड़ित महिलाओं को दिए जाते थे। ग्राहकों को एक कोडवर्ड दिया जाता, जिसके जरिए उन्हें महिला और रूम अलॉट किया जाता था।
पंटर ग्राहक के जरिए खुली पोल
क्राइम ब्रांच की सामाजिक सुरक्षा शाखा को गश्त के दौरान इस अवैध गतिविधि की भनक लगी। योजना बनाकर पुलिस ने एक पंटर ग्राहक तैयार किया, जिसे सौदे की प्रक्रिया के लिए होटल भेजा गया। सौदा तय होते ही इशारा मिलते ही टीम ने होटल में छापा मारा।
जांच के दौरान पुलिस को एक अविवाहित और एक तलाकशुदा (50 वर्षीय) महिला होटल के कमरों में मिलीं, जिन्हें देह व्यापार के लिए मजबूर किया जा रहा था। पुलिस ने दोनों महिलाओं को मुक्त कराते हुए, आरोपियों को मौके से गिरफ्तार कर लिया।
बरामद सामान और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने मौके से आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, नकदी समेत कुल 42,610 रुपये का सामान जब्त किया। इस मामले में देह व्यापार अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
नागपुर जैसे विकसित शहर में होटल की आड़ में चल रहे इस प्रकार के अपराध चिंताजनक हैं। यह मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था की चुनौतियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह आर्थिक तंगी और सामाजिक मजबूरियां महिलाओं को इस दलदल में धकेल देती हैं। इस मामले में पुलिस की तत्परता और रणनीतिक कार्रवाई सराहनीय है।