मध्य प्रदेश की सरकार यात्रियों को बेहतर, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुविधा देने के लिए मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत पूरे राज्य की बस सेवाओं को एक सेंट्रलाइज सिस्टम से जोड़ा जाएगा। अप्रैल 2025 में योजना को मंजूरी मिलने के बाद से ही तैयारियां तेज हो गई हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की अगुवाई कर रहे हैं और इसके लिए विशेष कंपनी बनाई गई है।
कंपनी का गठन और संरचना
राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश पैसेंजर ट्रांसपोर्ट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नाम से नई कंपनी बनाई है, जिसके अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री होंगे।
- कंपनी का रजिस्ट्रेशन 3 जुलाई 2025 को कंपनी एक्ट के तहत किया गया।
- परिवहन मंत्री और मुख्य सचिव इसके उपाध्यक्ष होंगे।
- सात क्षेत्रीय सहायक कंपनियां बनाई गई हैं, जो वर्तमान में शहरों में चल रही सिटी बस कंपनियों की जगह लेंगी।
ये सात शहर शामिल
- भोपाल
- इंदौर
- उज्जैन
- जबलपुर
- सागर
- रीवा
- ग्वालियर
ट्रैफिक सर्वे और नए रूट
योजना के तहत हर क्षेत्र में ट्रैफिक का सर्वे किया जा रहा है, ताकि
- नए बस रूट बनाए जा सकें
- यात्रियों की मांग के अनुसार बसों की संख्या तय की जा सके
अब तक प्रगति:
- उज्जैन और इंदौर में सर्वे पूरा
- जबलपुर और सागर में सर्वे जारी
- भोपाल, नर्मदापुरम, रीवा, शहडोल, ग्वालियर और चंबल में जल्द शुरुआत
निजी बस ऑपरेटर भी होंगे शामिल
नई परिवहन सेवा में प्राइवेट बस ऑपरेटरों को भी जगह दी जाएगी।
- कॉन्ट्रैक्ट के जरिए उन्हें सिस्टम से जोड़ा जाएगा
- सभी बसें नई सहायक कंपनियों की निगरानी में चलेंगी
- इससे बस सेवाओं में पारदर्शिता और नियमितता बनी रहेगी
आधुनिक बस स्टैंड और डिपो
सरकार और प्राइवेट कंपनियां मिलकर हर जिले में नई सुविधाएं तैयार करेंगी:
- आधुनिक बस स्टैंड
- बस डिपो
- सुविधाजनक बस स्टॉप
विशेषकर उज्जैन और इंदौर में रूट सर्वे पूरा होने के बाद, कंपनियों के CEO स्थानीय ऑपरेटरों से बातचीत करके अंतिम रूट तय करेंगे।
यात्रियों को क्या मिलेगा फायदा
इस योजना से यात्रियों को कई लाभ मिलेंगे:
- सुरक्षित और आरामदायक यात्रा
- समय पर बसों की उपलब्धता
- आधुनिक और साफ-सुथरे बस स्टैंड
- बेहतर कनेक्टिविटी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच