BY: Aakash sen
माननीय अध्यक्ष महोदय,
वित्त वर्ष 2025-26
आपकी अनुमति से, मैं वित्त वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुत कर रहा हूँ –
“न त्वहं कामये राज्यम्, न स्वर्ग न पुनर्भवम् । कामये दुःख तप्तानां प्राणिनामार्तनाशनम् ।। “
अर्थात, “मैं राज्य की कामना नहीं करता, मुझे स्वर्ग और मोक्ष नहीं चाहिए। दुःख से पीड़ित प्राणियों के दुःख दूर करने में सहायक हो सकूँ, यही मेरी कामना है।”
हमारी सरकार का सुविचारित व दृढ़ लक्ष्य है “विकसित मध्यप्रदेश” । विकसित मध्यप्रदेश का आशय है कि प्रदेश में श्रेष्ठतम अधोसंरचनाओं का विस्तार हो, किसानों की आय में वृद्धि हो, जनता का जीवन खुशहाल हो, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधायें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की हों, महिलाओं में आत्मगौरव के हढ़ भाव बनें, युवाओं के लिए सकारात्मक वातावरण उपलब्ध हो, स्वच्छ जलवायु हो, सामुदायिक सौहार्द्र में वृद्धि हो एवं जन-जीवन व जन- सम्पदा सुरक्षित रहे। मुझे यह अवगत कराते हुए गर्व है कि इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमारी सरकार सुचिन्तित रणनीति के तहत औद्योगिक विकास पर ध्यान केन्द्रित करते हुए समाज के समस्त वर्गों के समावेशी विकास के लिए चार सर्वस्पर्शी मिशनों गरीब कल्याण मिशन, युवा कल्याण मिशन, किसान कल्याण मिशन एवं नारी कल्याण मिशन के अन्तर्गत कार्य कर रही है।

- महोदय, वित्त वर्ष 2025-26 का प्रदेश सरकार का बजट, भारत के संविधान के गौरवशाली 75 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात् प्रथम बजट है। इस गरिमामय अवसर पर मैं सभी सम्मानीय सदस्यों को हार्दिक बधाई देता हूँ। उन सभी महान विभूतियों का स्मरण करते हुए उनके श्री चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ, जिन्होंने भारतवर्ष को गणतंत्र बनाने में महती योगदान दिया। हमारे गणतंत्र का मूल मंत्र है जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए गणतंत्र का यह मूल मन्त्र, हमारी सरकार की नीति, नियमों एवं क्रियान्वयन में पूर्णतः समाहित है। इस अवसर पर प्रदेश की सम्मानीय जनता का भी मैं हार्दिक अभिनंदन करता हूँ।
- मुझे सदन को यह अवगत कराते हुये गौरव की अनुभूति हो रही है कि हमने वित्त वर्ष 2025-26 का बजट “ज़ीरो बेस्ड बजटिंग” प्रक्रिया से तैयार किया है। इस प्रक्रिया के माध्यम से बजट में प्रावधानित राशि, सही योजना में, सही आकार में एवं सही परिणाम प्राप्त करने में सार्थक रहेगी। आगामी वर्षों में इस प्रक्रिया से बजट को और अधिक सार्थक, संतुलित व सरल बनाने के प्रयास रहेंगे।
यही जुनून, यही एक ख्वाब मेरा है वहां चिराग जला दूं, जहां अंधेरा है। - आम जनता, प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों एवं विषय विशेषज्ञों से प्राप्त सुझावों पर विमर्श के नवाचार को वित्त वर्ष 2025-26 के बजट को तैयार करने में भी निरन्तर रखा गया है। आम जनता से प्राप्त 1 हजार 500 से अधिक सुझावों में से महत्वपूर्ण सुझावों तथा विषय विशेषज्ञों के विचारों को बजट तैयार करते समय ध्यान में रखा गया है।
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महोदय, सदन के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा लेखा-जोखा निकट अतीत को जानने, वर्तमान को समझने और भविष्य की राह तय करने का प्रयास है:-
बजट नया है, पर शामिल कुछ पुरानी ख्वाहिशें हैं, प्रस्तावित बजट में, हमारी कुछ नई आज़माईशें हैं, जनता व जन प्रतिनिधियों की बेशुमार फ़रमाईशें हैं कर सकें हम सभी पूरी, ये हमारी कोशिशें हैं।
आर्थिक परिदृश्य - अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक घटनाक्रमों का प्रभाव राष्ट्रीय स्तर पर पड़ना स्वाभाविक है। देश का सौभाग्य है कि देश को सक्षम, समर्थ एवं सबल राजनैतिक एवं आर्थिक सूझ-बूझ का नेतृत्व प्राप्त है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दूरदर्शिता एवं संकल्पों के परिणामस्वरूप भारत की अर्थव्यवस्था में निरंतर वृद्धि हो रही है।
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- माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रदेश के ऊर्जावान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के कुशल नेतृत्व में हमारी सरकार ने भी प्रदेश के लिए विकसित मध्यप्रदेश 2047 का विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। हमारा लक्ष्य है वर्ष 2047 तक राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाकर 2 ट्रिलियन डॉलर अर्थात रुपये 250 लाख करोड़ तक पहुँचाना। इसी तरह प्रति व्यक्ति वार्षिक आय रुपये 1 लाख 42 हज़ार को रुपये 22 लाख 35 हज़ार तक
- पहुँचाने का हमारा लक्ष्य है। मुझे यह अवगत कराते हुए प्रसन्नता है कि वर्ष 2025-26 के लिये प्रस्तुत किए जा रहे बजट के आकार में वर्ष 2024-25 के बजट की तुलना में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि प्रस्तावित है।
- राज्य का सकल घरेलू उत्पाद
- प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों में निरन्तर वृद्धि से प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रहती आ रही है। वर्ष 2003- 04 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद रुपये 1 लाख 1 हजार 27 करोड़ था, जो वर्ष 2025-26 में रुपये 16 लाख 94 हज़ार 477 करोड़ अनुमानित है, अर्थात पिछले 22 वर्षों में लगभग 17 गुना की वृद्धि दृष्टिगत हुई है।
- हाल ही में प्रदेश में सोलहवें वित्त आयोग का प्रवास हुआ था, जिसमें प्रदेश की ओर से, केन्द्रीय करों में अधिक हिस्सेदारी तथा राजकोषीय प्रबन्धन विषयक बिन्दुओं पर अपना पक्ष मजबूती से रखते हुए ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। सोलहवें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर वर्ष 2026-27 से आगामी पाँच वर्षों के लिए राज्य को केंद्र से प्राप्त होने वाली राशि का विनिश्चय होगा।
- राज्यों में बेहतर राजकोषीय प्रबन्धन के लिए पूर्ववर्ती केन्द्रीय वित आयोगों तथा नेशनल काउंसिल ऑफ़ ऐप्लाइड इकॉनमिक रिसर्च द्वारा फिस्कल काउंसिल के गठन की अनुशंसा की गई है। हमारी सरकार नेशनल काउंसिल ऑफ ऐप्लाइड इकॉनमिक रिसर्च के सहयोग से ग्रोथ एवं फिस्कल काउंसिल का गठन कर प्रख्यात विषय विशेषज्ञों से वित्तीय अनुशासन.